प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे हितग्राही जिनके पास आवास नहीं है। उन्हें आवास के लिए शासन से डेढ़ से दो लाख रुपए दिए जाने की योजना है। इस योजना के तहत रायगढ़ जिले में हजारों की संख्या में हितग्राही लाभान्वित हुए हैं, लेकिन जिले में ऐसे भी लोग मिले जिन्होंने इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए पात्रता प्रमाणित कर पहले किस्त की राशि हासिल की।
वहीं पहले किस्त की राशि मिलने के बाद एक नियत अवधी में उसका उपयोग किया जाना रहता है, ताकि दूसरी किस्त की राशि जारी हो सके, लेकिन करीब 791 ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहले किस्त की राशि लेने के महिनों बाद भी निर्माण नहीं किया। इसमें से कई ने तो निर्माण शुरू ही नहीं किया था। इसके कारण इनके नाम पर दूसरी किस्त की राशि जारी नहीं हुई और उक्त आवास का काम भी अधूरा रह गया।
इसको लेकर जनपद व जिला पंचायत ने कई बार नोटिस भी भेजा, लेकिन उक्त नोटिस के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर सभी जनपदों ने ऐसे लोगों की सूची तैयार कर संबंधित एसडीएम को (आरआरसी) राजस्व बकाया प्रमाण पत्र जारी कर वसूली करने के लिए पत्र लिखा है। इसके बाद तहसील कार्यालय में प्रकरण दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है।
डेढ़ हजार तक पहुंच गया था आंकड़ा
पहला किस्त आहरण करने के बाद निर्माण कार्य नहीं करने वाले हितग्राहियों की संख्या करीब एक साल पहले डेढ़ हजार के करीब थी। इसके बाद जनपद व जिला पंचायत से नोटिस जारी कर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी गई थी। उक्त चेतावनी के बाद फिर से इसमें काम शुरू हुआ था और वर्तमान में ऐसे लोगों की संख्या करीब 791 है। बताया जा रहा है?कि इससे पहले संबंधितों को निर्माण करने की समझाइश दी गई?थी, लेकिन उन्होंने इसे नजर अंदाज कर दिया।
नोटिस के बाद कई ने किया निर्माण पूरा
बताया जाता है कि रायगढ़ तहसील से भी काफी लोगों के नाम पर अब तक नोटिस जारी किया जा चुका है। नोटिस जारी होने के बाद कुछ लोगों ने निर्माण कार्य शुरू करने की सूचना दी है तो वहीं यह भी बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने तेजी से निर्माण चालू कर दिया है। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिनको फर्क नहीं पड़ा है। ऐसे लोगों के नाम पर प्रकरण दर्ज किया जा रहा है ताकि इनसे राशि वसूली किया जा सके।
इसलिए कम हो गई पहली किस्त
प्रधामंत्री आवास योजना के लागू होने के बाद शुरूआत में पहला किस्त करीब 40 हजार रुपए हितग्राहियों को मिलता था, लेकिन अब इसे कम किया जा रहा है। वर्ष 2018 में इसे 37 हजार रुपए कर दिया गया और अब इसे करीब 25 हजार रुपए कर दिया गया है ताकि पहले किस्त की राशि में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो और लोगों को इसका लाभ मिल सके।
– प्रथम किस्त की राशि लेकर निर्माण न करने वाले हिताग्राहियों की सूची संबंधित एसडीएम को दिया गया है। प्राथमिकता यह है कि किसी तरह से हितग्राही आवास का निर्माण कर ले, जो नहीं करेगा या तो राशि वापस कर दे या फिर कार्रवाई की जाएगी।
ऋचा चौधरी, सीईओ, जिला पंचायत