रायगढ़ के धरमजयगढ़ धान खरीदी केंद्र में मंगलवार को पहुंचे किसानों को समिति प्रबंधक ने बताया कि वहां नया धान रखने की वजह नहीं है। उनके पास बारदाना भी नहीं है। ऐसे में सीमित किसानों से खरीदी हो पाएगी। नाराज किसानों ने केंद्र में नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ किसान रायगढ़-धर्मजयगढ़ मार्ग पर लेट गए। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने किसानों को किसी तरह शांत कराया। मार्कफेड के डीएमओ एक कोसरिया का कहना था, समिति प्रबंधक को बारदाना खत्म होने की जानकारी पहले देनी थी। वहीं धरमजयगढ़ केंद्र के प्रबंधक बीडी प्रधान का कहना था, उन्होंने कई बार बारदाना खत्म होने की जानकारी अधिकारियों को दी थी, लेकिन बारदाना उपलब्ध नहीं कराया गया। नवागढ़ में भी किसानों ने चककाजाम किया। झाल के किसानों ने करीब आधे घंटे तक नवागढ़-मुंगेली मार्ग को रोके रखा।
किसानों के नाराजगी की खबर से सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने मंगलवार सुबह खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह को फोन कर नाराजगी जताई। उन्होंने सचिव से शिकायतों की जानकारी ली। उन्होंने किसानों को आ रही दिक्कतों के त्वरित समाधान का निर्देश दिया।
मंत्री की नाराजगी के बाद धान खरीदी केंद्रों पर बारदाना पहुंचाने की कवायद शुरू हुई है। खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने मंत्रालय में अधिकारियों की बैठक लेकर खरीदी केंद्रों में आ रही दिक्कतों की समीक्षा की। बाद मेंं उन्होंने बताया, कवर्धा में 97 हजार बारदाना भेजा जा रहा है। बिलासपुर में एक लाख 20 हजार बारदाना उपलब्ध है। वहां 25 हजार बारदाना भेजा भी गया है। बेमेतरा में 81 हजार नया बारदाना उपलब्ध कराया गया है। जिन जिलों में धान की खरीदी पूरी हो चुकी है, वहां से शेष बचे बारदानों को आसपास के जिलों में भेजा जाएगा।
खाद्य सचिव ने मंगलवार को सभी जिला संभाग आयुक्तों, कलेक्टरों और अपेक्स बैंक प्रबंधकों को पत्र भेजकर अंतिम दिनों में धान खरीदी की व्यवस्था सुचारु रखने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि धान लाने के लिए किसानों को 19 फरवरी तक टोकन जारी होगा। केंद्र पर आए धान की तुलाई और एंट्री 20 फरवरी तक कर लेने को कहा गया है। अंतिम समय में अवैध रूप से धान खपाने के प्रयासों को रोकने का भी निर्देश है।