मकान आवंटन में फिर घोटाला, जोन कमिश्नर ने तीन कर्मचारियों को नोटिस जारी
मामला जोन छह का, बैंक खाते में नहीं पहुंचे छह लाख रुपए

रायपुर . बीएसयूपी मकानों के आवंटन की राशि में घोटाले का जिन्न फिर से बाहर आया है। इस बार मामला जोन छह का है। मकान आवंटन के समय ली जाने वाली राशि को जोन के राजस्व विभाग के तीन कर्मचारियों ने बैंक में राशि तो जमा की हैं, लेकिन अभी तक बैंक के खाते में ही नहीं पहुंची है। कर्मचारियों ने जो चालान पेश किया है कि उसमें लगी सील और साइन को बैंक ने फर्जी करार दे दिया है। हालांकि बैंक ने सील-साइन फर्जी होने की बात लिखित में नहीं दी है। यह बात निगम जोन छह के अधिकारियों को मौखिक तौर पर ही कही है। बैंक अपने स्तर पर इसकी जांच करा रहा है। इधर जोन छह ने भी बैंक में राशि नहीं पहुंचने पर तीन कर्मचारियों को नोटिस थमाकर मामले को जांच में लिया है। फाइल निगम मुख्यालय में भेजी गई है।
20 से 25 लाख रुपए घोटाला
जोन कह रहा छह लाख
एमआईसी सदस्य सतनाम पनाग ने आरोप लगाया है कि गरीबों को मकान आवंटन के बाद निगम अधिकारियों-कर्मचारियों ने टोकन मनी की राशि बैंक में ही जमा नहीं की है। बैंक की फर्जी चालान पेश कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला करीब 20 से 25 लाख रुपए के घोटाले का है। भले ही निगम जोन छह के अधिकारी छह लाख ६९ हजार रुपए बता रहा है। इसकी गहराई से जांच की जाए, तो राशि की संख्या बढ़ सकती है।
सील व साइन फर्जी तो बाकी राशि खाते में कैसे पहुंची
इस मामले में जोन छह के कार्यपालन अभियंता एसपी त्रिपाठी काकहना है कि करीब छह लाख 69 हजार रुपए के चालान को बैंक फर्जी बता रहा है। जबकि पुराने चालान में लगी सील और साइन वैसे ही है। इसकी राशि बैंक खाते में पहुंच चुकी है, तो एेसे में सवाल उठता है कि क्या बैंक के काउंटर पर बैठने वाले कर्मचारी ने तो गड़बड़ी नहीं की है। जब बैंक मैनेजर ने राशि खाते में नहीं आने पर पत्र लिखकर जानकारी मांगी, तो चालान को फर्जी बताया। साथ ही जो सील और साइन हैं उसे भी फर्जी बताया, तो लिखित में देने को कहा, तो मना कर दिया। पुराने चालान में लगी सील और साइन को मिलान किया गया, तो हूबहू वैसे ही है। एेसे में हो सकता है बैंक स्तर पर ही गड़बड़ी हुई हो। ये सब जांच का विषय है। बैंक अपने स्तर पर जांच कर रहा है। हमने भी इसकी जांच शुरू करा दी है अपने स्तर पर।
तीन से चार हजार रुपए लिया जाता है एक हितग्राही से
नगर निगम द्वारा बीएसयूपी मकान आवंटन के सयम प्रति हितग्राही से तीन से चार हजार रुपए लिया जाता है। इसी राशि में से करीब एक हजार रुपए बिजली कनेक्शन के लिए निगम बिजली विभाग में जमा करता है। बाकी राशि निगम के खाते में जाती है। यही राशि ही बैंक के खाते में नहीं पहुंची है। राशि जमा करने के चालान निगम के फाइल में संलग्न है। जांच के बाद राशि नहीं पहुंचने का खुलासा हुआ है।
नगर निगम जोन छह के जोन कमिश्नर केडी चंद्राकर ने कहा कि इस मामले में तीन कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है। बीएसयूपी मकान आवंटन के छह लाख 69 हजार रुपए बैंक खाते में नहीं पहुंची है, जबकि राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने जो चालान जमा किया गया है, उसे बैंक ने फर्जी बताया है। लेकिन लिखकर नहीं दिया है। जांच के लिए फाइल को निगम मुख्यालय में भेजी गई है।
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