राखी से बिहान दीदीयों को 1 लाख रुपए की आय रक्षाबंधन का त्यौहार समूह की महिलाओं के लिए एक नई सौगात लेकर आया है। राजनांदगांव जिले में स्वीप योजना के तहत राखी निर्माण का प्रशिक्षण लेकर लगभग 80 समूहों की 100 से अधिक महिलाएं राखी निर्माण और विक्रय कर रही हैं। इस वर्ष बिहान दीदीयों ने मार्केट के डिमांड के अनुरूप खूबसूरत, फैंसी राखियां बनाई हैं। अब तक महिलाओं ने 35 हजार से अधिक राखियाँ बनाई है, जिनमें से 17 हजार राखियों का विक्रय किया जा चुका है। इससे उन्हें 1 लाख रूपए से अधिक की आय हुई है।
आदिवासी दीदियों ने बनाई राखियां – आर्थिक रूप से हुई सशक्त दंतेवाड़ा जिले की पार्वती महिला ग्राम संगठन चितालंका, मां दंतेश्वरी संकुल संगठन बालूद, किसान महिला संकुल संगठन भांसी, एकता महिला ग्राम संगठन चितालंका की स्वसहायता समूह की महिलाओं ने भी रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए आकर्षक राखी तैयार की हैं। मां दंतेश्वरी संकुल संगठन बालूद की सदस्य ग्राम चितालुर की निवासी सीमा ने बताया कि महिलाओं द्वारा धान, चावल, मोती, ऊन, रक्षा धागे से अलग-अलग डिजाइन की फैंसी एवं आकर्षक रंग-बिरंगी राखियां तैयार की गई है। इससे उन्हें रोजगार मिल रहा है। अन राखियों को कलेक्ट्रेट परिसर सहित सी-मार्ट में भी बेचा जा रहा है। पिछले साल समूह की दीदियों को लगभग 1 लाख 20 हजार का मुनाफा हुआ था। इस वर्ष भी उन्हें अच्छी आमदनी की आशा है। स्थानीय बाजार में भी इन राखियों की काफी मांग है।