कब रुकेगा अवैध रेत खनन?
रायपुरPublished: Jul 03, 2018 08:46:35 pm
सरपंचों और पंचायत सचिवों के संरक्षण में रेत उत्खनन के अवैध कारोबार तेजी से पनप रहे
प्रदेश में रेत का अवैध कारोबार लगातार जारी है। रेत का अवैध कारोबार करने वालों ने अरपा के बाद अब खारुन नदी को नया ठिकाना बना लिया है। इस कार्य में इन नदियों के किनारे स्थित ग्राम पंचायतों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सरपंचों और पंचायत सचिवों के संरक्षण में रेत उत्खनन के अवैध कारोबार तेजी से पनप रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन ग्राम पंचायतों में एक-एक रायल्टी पर्ची में आठ से दस ट्रिप तक रेत का ट्रैक्टर-ट्रालियों से अवैध परिवहन किया जा रहा है। ग्राम पंचायतें हर ट्रिप में टै्रक्टर चालकों से राशि तो वसूल करती हैं, लेकिन इसकी रायल्टी पर्ची नहीं देती हैं। इससे सीधे तौर पर यह राशि ग्राम पंचायतों के खातों में जमा नहीं होती है। इसकी वजह से अवैध रेत का कारोबार पूरे शबाब पर है।
रेत का अवैध खनन और परिवहन करने वाले पकडे़ जाने पर अक्सर दो कारण बताते हैं। पहला सरकारी कार्य से रेत का खनन और परिवहन करने की बात कहीं जाती है। दूसरा घरेलू उपयोग के लिए ले जाने की बातें कहते हैं। खनिज विभाग अवैध रेत परिवहन रोकने के लिए समय-समय पर अभियान चलाता है। नदियों में भारी भरकम मशीनें लगाकर रेत उत्खनन के कार्य में अधिकतर लोग राजनीतिक दलों से जुडे़ होते हैं। रेत परिवहन से जुड़े वाहनों की जब्ती के दौरान कार्रवाई नहीं करने के लिए वे लगातार दबाव बनाने का प्रयास करते हैं। ऐसी स्थिति में खनिज विभाग के अधिकारी भी कार्रवाई के बजाय बीच का रास्ता निकालने को विवश हो जाते हंै। विडंबना है कि अमले की कमी की आड़ में खनिज विभाग के अधिकारी- कर्मचारी तब तक कार्रवाई के लिए नहीं जाते जब कि उनके पास कोई शिकायत नहीं पहुंचता है। खनिज विभाग द्वारा महीने में एकाध पर अवैध रेत खनन करने या परिवहन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कर इतिश्री कर ली जाती है, लेकिन उसके बाद भी अवैध रेत खनन और परिवहन जारी रहता है।
बहरहाल, सरकार को चाहिए कि अवैध रेत परिवहन रोकने के लिए कारगर कदम उठाए। ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे जो अवैध रेत खनन और परिवहन के गोरखधंधे में संलिप्त हैं।