कोरोना संक्रमण से नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रख ट्रेनों का संचालन सावधानी और सुरक्षात्मक उपायों के साथ किया जाए : मुख्यमंत्री आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. बंजारे ने लोगों को घर पर ही काढ़ा बनाने की विधि बताई। शिविर स्थल पर लोगों के बीच स्वयं काढ़ा तैयार कर रहे हैं ताकि पूरी प्रक्रिया ग्रामीण आसानी से समझ सकें। उन्होंने बताया कि सोंठ, मरिच एवं पिप्पली का 100 ग्राम चूर्ण बनाने के लिए उक्त तीनों चीज़ों में से प्रत्येक की समान मात्रा अर्थात 33-33-33 ग्राम सामग्री लें। इसे बारीक कूट-पीसकर हवा रोधी डिब्बे में रखें। काढ़ा बनाने के लिए एक लीटर पानी में 5 ग्राम चूर्ण लें तथा इसमें तुलसी के 5 पत्ते डालकर उबालें। स्वाद अनुसार गुड़ अथवा शक्कर मिलाया जा सकता है। जब आधा लीटर पानी बच जाए तो काढ़ा तैयार हो जाता है। इसे दिन में 2 बार पियें। इस चूर्ण को चाय बनाते समय तुलसी पत्र डालकर और चाय में उबालकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ एम.एन कश्यप के मार्गदर्शन और नेतृत्व में पूरे जिले में काढ़ा सेवन के प्रति जनजागरूकता अभियान आगे भी जारी रहेगा।