मॉम नहीं बन पाईं डॉक्टर, बेटी ने किया ख्वाब पूरा
कई बार ऐसा होता है जब हम कुछ बनने की ख्वाहिश रखते हैं लेकिन हालात इसकी इजाजत नहीं देते। शिमाली की मॉम सीमा डॉक्टर बनना चाहती थीं। स्थितियां ऐसी बनी कि सपना अधूरा रह गया। जब बेटी ने 11वीं में सबजेक्ट सलेक्शन किया तो सीमा ने उससे अपनी कहानी शेयर की। हालांकि शिमाली की भी दिली तमन्ना डॉक्टर बनने की थी। ऐसे में मॉम की चाहत ने उसे और भी मोटिवेट कर दिया। नतीजा यह रहा कि शिमाली ने एमबीबीएस में एग्रीकेटेड यूनिवर्सिटी टॉपर बनीं। इसके अलावा फस्र्ट इन एग्रीगेट ऑफ ऑल ऑनरी एगजाम्स 2014 बैच। शिमाली डीडीयू नगर कंचन गंगा की रहने वाली है। फॉदर डॉ एसके पटले साइंस कॉलेज में केमेस्ट्री के प्रोफेसर हैं और मॉम सीमा पटले हाउवाइफ। शिमाली को बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड और लिट्रली पर्सन ऑफ द ईयर अवॉर्ड भी मिला है।
एग्जाम के बाद केसरी देखी, इससे पहले याद नहीं कब मल्टीप्लेक्स गई थी
एमबीबीएस फाइनल ईयर कॉलेज टॉपर और फाइनल ईयर यूनिवर्सिटी टॉपर हिमानी पुंशी ने एग्जाम के बाद मल्टीप्लेक्स में केसरी देखी। इससे पहले कौन सी मुवी थियेटर में देखने गईं यह याद नहीं है। वे कहती हैं कि सोशल मीडिया का यूज मैंने प्रॉपर किया है। जब भी बोर हुई इसका इस्तेमाल करती रहीं। हिमानी भाटापारा की रहने वाली हैं। उनके डैडी दिनेश पुंशी बिजनेसमैन हैं और मॉम मनीषा पुंशी हाउसवाइफ। हिमानी ने क्लास 7 से तय कर लिया था कि वे डॉक्टर बनेंगी।
ऐसे बनाई स्ट्रेटजी
हिमानी ने बताया कि 12वीं के बाद मैंने जब नीट दिया तो रैंकिंग 1500 के आसपास थी। मैंने सोचा कि बिना तैयारी के कोई भी काम सही नहीं होता। मैंने एक साल का ड्रॉप लिया। कोचिंग की। इसके बाद नीट में मेरी रैंकिंग 89 आई। घर वालों ने भी कहा था कि प्रॉपर तरीके से एग्जाम दो ताकि नतीजे भी अच्छे आएं। एमबीबीएस फस्र्ट ईयर से ही इंप्रूवमेंट आने लगे जिसे मैंने बरकरार रखा।आगे क्या
पीजी के लिए भी नीट एग्जाम होते हैं। अभी मेरी इंटर्नशिप चल रही है। आगे मैं गायनोलॉजिस्ट बनना चाहूंगी।