गौरतलब है कि राज्य सरकार नए साल से इंश्योरेंस पॉलिसी खत्म करके ट्रस्ट मोड पर काम करने वाली है। अभी तक राज्य में गरीबी रेखा नीचे जीवन यापन करने या फिर जिनका नाम आयुष्मान योजना में है उन्हें पांच लाख रुपए तक का इलाज फ्री मिलता था। यह योजना इंश्योरेंस स्कीम के द्वारा चल रही है, जिसे रेलीगेयर नाम की बीमा कंपनी चला रही है। इसके टेंडर का समय सितंबर में समाप्त हो चुका है, लेकिन राज्य शासन ने इसे दिसंबर तक बढ़ा दिया है। जनवरी 2020 से स्वास्थ्य विभाग ट्रस्ट मोड से इस योजना को संचालित करेगी और इसमें पांच लाख रुपए तक का इलाज गरीबों के साथ-साथ राज्य के सभी लोगों को मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने इस पूरी योजना को ऑन लाइन करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत हर व्यक्ति का आधार नंबर की तरह ही एक हेल्थ आईडी नंबर जारी होगा। इस नंबर से संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी कंप्यूटर पर बैठे-बैठे मिल जाएगी। इससे संबंधित व्यक्ति को अपने पुराने पर्चे संभाल कर रखने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। वह किसी भी बड़े से लेकर छोटे शासकीय अस्पताल या फिर आयुष्मान से संबंद्ध निजी अस्पतालों में जाएगा तो डॉक्टर उसके हेल्थ आईडी नंबर से उसके बारे मेें पूरी जानकारी ले लेगा और उसकी के मुताबिक उसका इलाज करेगा।
दवाओं की भी मिलेगी जानकारी आयुष्मान योजना को पूरी तरह से आन लाइन करने के बाद राज्य में स्वास्थ्य सेक्टर हाईटेक हो जाएगा। इसमें मरीज को अस्पताल में दवा न होने से मेडिकल स्टोर के भी चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। डॉक्टर अपने अस्पताल में स्टोर दवा की जानकारी के साथ ही राज्य सभी शासकीय अस्पतालों के दवाओं की स्थिति को ऑनलाइन जान सकेगा। इससे वह उन दवाओं को मंगाकर भी मरीज को दे पाएगा, जो कि उसके अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ की जनता से जन घोषणापत्र में किए गए वादों को साकार करने के क्रम में एक और कदम बढ़ाते हुए यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम के तहत राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को एक यूनिक हेल्थ आईडी प्रदान की जाएगी। इससे बीमारी व इलाज का पूरा रिकार्ड रखा जा सकेगा। सभी को पांच लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज प्रदान करने और अस्पतालों को पूर्णत: ऑनलाइन करने के निर्देश मैंने जारी कर दिए हैं।
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन