script‘पत्रिका’ इम्पैक्ट: कैथलैब को चलाने भाभा एटॉमिक सेंटर ने डीन के नाम पर दिया रजिस्ट्रेशन,एआरबी सर्टिफिकेट भी जल्द मिलेगा | Bhabha Atomic Center registers in the name of Dean to run Cathlab | Patrika News
रायपुर

‘पत्रिका’ इम्पैक्ट: कैथलैब को चलाने भाभा एटॉमिक सेंटर ने डीन के नाम पर दिया रजिस्ट्रेशन,एआरबी सर्टिफिकेट भी जल्द मिलेगा

‘पत्रिका’ में मंगलवार को प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते एटॉमिक सेंटर ने यह तत्परता दिखाई। वहीं मशीन से मरीजों का इलाज करने के लिए दूसरी बाधा है, एटॉमिक रेडिएशन सेफ्टी बोर्ड (एआरबी) सर्टिफिकेट। वह भी अगले एक-दो दिन में जारी हो जाएगा।

रायपुरAug 13, 2020 / 02:43 pm

Karunakant Chaubey

'पत्रिका' इम्पैक्ट: कैथलैब को चलाने भाभा एटॉमिक सेंटर ने डीन के नाम पर दिया रजिस्ट्रेशन,एआरबी सर्टिफिकेट भी जल्द मिलेगा

‘पत्रिका’ इम्पैक्ट: कैथलैब को चलाने भाभा एटॉमिक सेंटर ने डीन के नाम पर दिया रजिस्ट्रेशन,एआरबी सर्टिफिकेट भी जल्द मिलेगा

रायपुर. पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अंतर्गत संचालित एडवांस कॉर्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में इंस्टॉल हुई 3.47 करोड़ रुपए की लागत वाली कैथलैब मशीन के ऑपरेट होने में आ रही एक बाधा दूर हो गई। भाभा एटॉमिक सेंटर, मुंबई ने कॉलेज डीन डॉ. विष्णु दत्त के नाम से रजिस्ट्रेशन जारी कर दिया है। मंगलवार को आईडी-पासवर्ड जारी कर दिया गया। ‘पत्रिका’ में मंगलवार को प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते एटॉमिक सेंटर ने यह तत्परता दिखाई। वहीं मशीन से मरीजों का इलाज करने के लिए दूसरी बाधा है, एटॉमिक रेडिएशन सेफ्टी बोर्ड (एआरबी) सर्टिफिकेट। वह भी अगले एक-दो दिन में जारी हो जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक भाभा एटॉमिक सेंटर, मुंबई के अफसर इस बात से अंचभित थे कि उनके पास रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज इतनी देर से क्यों पहुंचे, जबकि मशीन 7 जून को ही इंस्टॉल हो चुकी थी। संचालक/मालिक का नाम परिवर्तन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, क्योंकि हर संस्थान में डॉयरेक्टर/डीन/संचालक बदलते रहते हैं। सिर्फ दस्तावेज ही वेबसाइट पर राज्य रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर द्वारा अपलोड किए जाने थे। एटॉमिक सेंटर के अफसरों ने एआरबी सर्टिफिकेट के लिए राज्य रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर डॉ. आनंद मोहन चंदोला को निर्देशित किया है कि वे तत्काल दस्तावेज अपलोड करें।

डॉ. चंदोला मशीन का रेडिएशन सेफ्टी इंस्पेक्शन कर चुके हैं, मगर दस्तावेज अपलोड नहीं किए। ‘पत्रिकाÓ से बातचीत में उन्होंने कहा था कि कम से कम 15 दिन और लगेंगे, जबकि ऐसा नहीं है। कैथलैब इंचार्ज एवं कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव का कहना है कि जैसे ही एआरबी सर्टिफिकेट जारी होगा, हम एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर, अलग-अलग प्रकार की स्टेंटिंग और दिल के सुराग बंद करने की प्रोसिजर शुरू कर देंगे। हमारी पूरी तैयारी है। गौरतलब है कि १०० मरीज वेटिंग में हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने की डीन से बात-

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मंगलवार को डीन डॉ. विष्णु दत्त से फोन पर बात की। जानकारी के मुताबिक पूछा कि आखिर इतनी लेट-लतीफी क्यों? जल्द से जल्द कैथलैब मशीन का इस्तेमाल शुरू करें।

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