Read this story: सर्जिकल, कॉटन मास्क कोरोनावायरस को फिल्टर नहीं करते : शोध एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मामलों की संख्या कम होने का कारण यह है कि राज्य में बचाव के उपाय कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मुद्दे को उठाए जाने के बाद से ही शुरू कर दिए गए थे। उन्होंने कहा, “13 मार्च को हमने स्कूल, शॉपिंग मॉल और आंगनवाड़ी सहित कई जगहों पर लॉकडाउन कर दिया था।”
Read this story: छत्तीसगढ़ में 14 के बाद दो सप्ताह और बढ़ेगा लॉकडाउन, स्वास्थ्य विभाग ने की राज्य सरकार से मांग! बघेल ने कहा, “हमने 15 मार्च को पहला परीक्षण किया था और 18 मार्च को पहला पॉजिटिव मामला सामने आया, जिसके तुरंत धारा-144 लागू कर दी गई।” बघेल ने कहा, “चिंता की बात यह है कि एक व्यक्ति को 18 दिनों के एकांतवास के बाद लक्षण दिखाई दिए। एक व्यक्ति ने फरवरी में यात्रा की थी और उसे दो महीनों बाद लक्षण दिखाए दिए। हमने केंद्र सरकार को सूचित कर दिया है।”
Read this story: देशभर में मिसाल बना छत्तीसगढ़ : कोरोना की रोकथाम के लिए बनाया नया मोबाइल एप, देखिए इस तरह करेगा संदिग्धों की ट्रेकिंग छत्तीसगढ़ में कुल 76,000 लोगों को एहतियात के तौर पर एकांतवास में रखा गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को राज्यों से परामर्श के बाद ही लागू किया जाना चाहिए। अंतर्राज्यीय यात्रा प्रतिबंध हटाने के बारे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है, जिस पर 11 अप्रैल को चर्चा की जा सकती है।
Read this story: भूपेश सरकार की कोरोना के खिलाफ कुशल प्रबंधन के कायल हुई केंद्र, थपथपाई छत्तीसगढ़ सरकार की पीठ बघेल ने छह अप्रैल को प्रधानमंत्री को लिखा था कि लॉकडाउन अवधि समाप्त होने के बाद अंतरराज्यीय यात्रा की अनुमति देने से पहले सरकार को यात्रियों की स्क्रीनिंग की एक रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि कोरोनावायरस के मामलों को छानने के लिए एक तंत्र स्थापित करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं फैल रहा है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है, “अगर उड़ानें, रेल और अन्य परिवहन बहाल होते हैं तो संभावना है कि संक्रमित व्यक्ति राज्य में आ सकते हैं और समस्या बनी रह सकती है। इससे राज्यों को इस वायरस से निपटने में समस्या का सामना करना पड़ेगा।”