scriptलॉकडाउन में आदिवासियों को बड़ी राहत, 17 रुपए प्रति किलो की जगह 30 रुपए में बिक रहा महुआ | Big relief to tribals, Mahua sold for Rs 30 instead of Rs 17 per kg | Patrika News
रायपुर

लॉकडाउन में आदिवासियों को बड़ी राहत, 17 रुपए प्रति किलो की जगह 30 रुपए में बिक रहा महुआ

प्रदेश में इस सीजन में अब तक एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि के 3 हजार 752 क्विंटल महुआ का संग्रहण हो चुका है।

रायपुरApr 28, 2020 / 01:00 am

Nikesh Kumar Dewangan

लॉकडाउन में आदिवासियों को बड़ी राहत, 17 रुपए प्रति किलो की जगह 30 रुपए में बिक रहा महुआ

लॉकडाउन में आदिवासियों को बड़ी राहत, 17 रुपए प्रति किलो की जगह 30 रुपए में बिक रहा महुआ

रायपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच वनांचल क्षेत्रों में महुआ आदिवासियों को बड़ी राहत दे रहा है। महुआ का फूल और फल (टोरा-टोरी) आदिवासियों के लिए आय का जरिए बने हुए हैं, जो कि कोरोना के संकटकाल में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। महुआ फूल की खरीदी 17 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बढ़ाकर 30 रुपए प्रति किलोग्राम किए जाने से भी वनांचल के लोगों ने राहत की सांस ली है।
प्रदेश में वन विभाग की ओर से चालू सीजन के दौरान 253 करोड़ रुपए की राशि से 8 लाख 46 हजार 920 क्विंटल लघु वनोपजों के संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। इनमें 22 लघु वनोपज शामिल हैं, जिनका न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहण किया जा रहा है। महुआ के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कीमत बढऩे की वजह से आदिवासी समुदाय के लोग इन दिनों खुशी-खुशी महुआ एवं अन्य लघु वनोपज के संग्रहण के काम में जुटे हैं। इन दिनों महुआ फूल चुनने का उत्साह वनांचल के लोगों में देखते ही बनता है। राज्य में लघु वनोपजों के सुगम संग्रहण व्यवस्था के लिए 866 बाजार स्तर पर संग्रहण केन्द्र और 139 हाट बाजारों में वन धन विकास केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
प्रदेश में लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन के माध्यम से वनवासी ग्रामीणों को आजीविका से जोडऩे के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। इसके माध्यम से लघु वनोपजों के व्यापार से महिला स्व-सहायता समूहों को भी जोड़ा गया है। इन महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं हाट बाजारों में लघु वनोपजों का क्रय करेंगी और वन-धन विकास केन्द्रों पर लघु वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण के काम में भी जुटेंगी। इसके माध्यम से राज्य में लगभग पांच हजार 500 महिला स्व-सहायता समूहों की 50 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगी। प्रदेश में चालू सीजन के दौरान अब तक एक लाख 32 हजार 272 संग्राहकों द्वारा लगभग 21 करोड़ रुपए की राशि के 72 हजार 727 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण हो चुका है।
एक करोड़ से अधिक का महुआ संग्रहण

प्रदेश में इस सीजन में अब तक एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि के 3 हजार 752 क्विंटल महुआ का संग्रहण हो चुका है। राज्य में इस वर्ष 2 लाख 65 हजार 75 क्विंटल संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है।
मुख्यमंत्री ने दी व्यापारियों को राहत

लॉकडाउन की वजह से लघु वनोपज संग्रहण करने वाले व्यापारियों को भी व्यापार करने से रोका जा रहा था। जबकि व्यापारियों वनांचल के लोगों को भी फायदा होता था। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने व्यापारियों को राहत देने के निर्देश दिए थे। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि किसी व्यवसायी द्वारा इन लघु वनोपजों के निर्धारित समर्थन मूल्य से अधिक के दर पर खरीदी की जाने पर संग्राहकों को उनके स्वेच्छा से बिक्री करने के लिए छूट भी प्रदान कर दी गई है। इस तरह संग्राहक अपने वनोपज को अधिक दर पर विक्रय करने के लिए स्वतंत्र है।
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