उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, हमने कहा था छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ बनता जा रहा है, आज वो बात साबित हो रही है। प्रदेश में अपहरण, लूट, डकैती, बलात्कार हो रहे हैं। महिलाएं बेटियां सुरक्षित नहीं है। हालत यह है कि राजधानी में छात्रावास के अंदर घुस कर अपराधी घंटों रहकर अपराध कर जाते हैं, लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगती। जबकि पहले से पुलिस के पास शिकायत होती है, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता।
उन्होंने कहा, राजधानी समेत पूरे छत्तीसगढ़ में दिन प्रतिदिन अपराध बढ़ते जा रहे हैं। सिर्फ रायपुर के अपराध के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 37954 मामले दर्ज हुए, जिसमें 2019 में 84 हत्या, 354 अपहरण के मामले दर्ज हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि रायपुर प्रदेश की राजधानी के साथ अपराध के मामले में भी राजधानी बन गया है। प्रदेश की पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सवाल यह है कि प्रदेश की पुलिस आखिर क्या कर रही है? अपराध नियंत्रण क्यों नहीं है? विधानसभा में भी हमने यह मुद्दा उठाया था।
उन्होंने कहा, पुलिस अपना काम छोड़कर धान ले जाने वाले किसानों की गाड़ियों को रोकने में लगी हुई है, लेकिन अपहरण और रेप जैसी घटनाओं के आरोपियों को पकड़ने में रोकने में असफल है। अपराधियों के मन में पुलिस का डर नहीं है, लेकिन किसान के मन में पुलिस का डर है। उन्होंने कहा, पुलिस का राजनीतिकरण हो गया है।