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रायपुर में ब्लैक फंगस के 70 मरीज भर्ती, क्या ह्यूमिडिफायर के पानी से भी संक्रमण संभव

BLACK FUNGUS IN CG : मध्यप्रदेश के दो मरीजों का भी निजी अस्पताल में चल रहा इलाज .

रायपुरMay 16, 2021 / 12:04 pm

CG Desk

रायपुर में ब्लैक फंगस के 70 मरीज भर्ती, ह्यूमिडिफायर के पानी से भी संक्रमण संभव ?

रायपुर में ब्लैक फंगस के 70 मरीज भर्ती, ह्यूमिडिफायर के पानी से भी संक्रमण संभव ?

रायपुर . कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। राजधानी के एम्स, आंबेडकर अस्पताल और 7 निजी अस्पतालों में 70 मरीजों का इलाज चल रहा है। सबसे ज्यादा 30 मरीज एम्स में भर्ती हैं। वहां पिछले 3 दिनों में 9 लोगों की सफल सर्जरी की जा चुकी है। आंबेडकर अस्पताल में 4 मरीज भर्ती हैं, बाकी निजी अस्पतालों में हैं। इनमें दो मरीज मध्यप्रदेश के भी हैं।
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दो कारणों से ज्यादा आ रहे केस
विशेषज्ञों का कहना है कि जिनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर है। कैंसर, अनकंट्रोल्ड डायबिटीज या किडनी के मरीजों में पहले भी ब्लैक फंगस होता था, लेकिन संख्या काफी कम थी। वर्तमान में कोरोना होने पर स्टेरॉयड दिया जाता है, जिससे इम्युनिटी एकदम कमजोर हो जाती है और शुगर भी बढ़ जाता है। दो कारणों के मिलने से ज्यादा केस आ रहे हैं।
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ह्युमिडीफायर का रोज बदलना चाहिए पानी
ऑक्सीजन सप्लाई में लगे ह्युमिडीफायर के बॉटल का पानी रोजाना बदलना चाहिए। आंबेडकर अस्पताल में ह्युमिडीफायर में पानी की जगह ड्राय ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञ का कहना है कि जिस तरह घर में लगे वॉटर कूलर का पानी नहीं बदलने से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, वैसे ही ह्युमिडीफायर में रोजाना पानी नहीं बदलने से बॉटल में फंगस लगने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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आंबेडकर अस्पताल के ईएनटी विभाग में 4 मरीज भर्ती हुए हैं। ह्मुमिडीफायर के बॉटल के पानी से ब्लैक फंगस होने के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। सामान्य व्यक्ति की भी यदि इम्युनिटी कमजोर है तो उसमें ब्लैक फंगस होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
– डॉ. आरके पंडा, एचओडी, टीवी एंड चेस्ट, आंबेडकर अस्पताल, रायपुर

वातावरण में 24 घंटे फंगस रहता है, शरीर की इम्युनिटी मजबूत रहती है तो फंगस से लड़ सकती है। डायबिटीज के मरीजों में इम्युनिटी कम होती है, जिससे फंगस नाक व मुंह के रास्ते शरीर के अंदर चला जाता है और वह म्यूकोरमाइकोसिस में तब्दील हो जाता है।
– डॉ. नितिन एम नागरकर, निदेशक, एम्स, रायपुर
ब्लैक फंगस कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को तेजी से शिकार बनाता है। कोरोना के दौरान या ठीक हो चुके मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है, इसलिए वह आसानी से इसकी चपेट में आ रहे हैं।
– डॉ. निर्मल वर्मा, एचओडी, माइक्रोबॉयोलोजी, मेडिकल कॉलेज

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ब्लैक फंगस हवा में रहता है, यह नाक के रास्ते शरीर में जाता है और इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होने पर बाहर निकल जाता है। कोरोना होने से मरीज का शुगर बढ़ जाता है। ऑक्सीजन पर रखे मरीज को स्टेरॉयड दिया जाता है, जिससे इम्युनिटी कमजोर हो जाता है। ऐसे में ब्लैक फंगस को पनपने का मौका मिल जाता है, जो थोड़े ही समय में खतरनाक रूप ले लेता है।
– डॉ. ओपी सुंदरानी, क्रिटिकल केयर इंचार्ज, आंबेडकर अस्पताल

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