दो कैडर पर आपत्ति
मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर सहमति तो बन गई है, लेकिन वहां संविलियन के बाद एक अलग कैडर बनाया जा रहा है। इससे प्रदेश के शिक्षाकर्मियों सही नहीं मान रहे हैं। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा का कहना है कि दो कैडर होने से फिर शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों के बीच भेदभाव की स्थिति बनेगी। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में संविलियन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
शिक्षाकर्मियों का कहना है कि सरकार ने शिक्षाकर्मियों के हित में कई फैसले लिए है, लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। शिक्षाकर्मियों को प्राथमिक शाला में प्रधानपाठक के पद पर पदोन्नति देने का फैसला लिया गया था। इसके लिए 2008 में राजपत्र में नियम भी प्रकाशित हुआ था। बलौदाबाजार में इसके लिए बकायदा भर्ती परीक्षा ली गई थी। भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद इस दिशा में कोई पहल नहीं हुआ। इसी प्रकार मई 2013 में मंत्रिपरिषद की बैठक में शिक्षाकर्मियों के हित में हुए फैसले का पालन नहीं हो पा रहा है।