राज्य पुलिस के अफसरों ने बताया कि मामले की केस डायरी, दस्तावेज और जब्त किए गए साक्ष्य सुरक्षित रखे गए है। सीबीआई के आने के बाद इसे विधिवत सौंपा जाएगा। हालांकि पुलिस को अब तक सोशल मीडिया पर अश्लील क्लिपिंग अपलोड करने वाले का सुराग नहीं मिला है।
पुलिस की साइबर सेल ने 700 से अधिक मोबाइल नंबरों को खंगालने के बाद 65 नंबरों को निगरानी में लिया है। यह नंबर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजे गए वरिष्ठ पत्रकार
विनोद वर्मा के साथ ही संदेह के दायरे में आने वाले लोगों के है, इसमें से अधिक विनोद वर्मा के करीबी बताए जाते है।
एसआईटी की छापेमारी
अश्लील सीडी मामले की जांच करने एसआईटी की टीम अब भी छापेमारी करने में जुटी हुई है। पिछले दिनों बड़े ही गोपनीय तरीके से दिल्ली, भोपाल और गाजियाबाद में 5 स्थानों में दबिश दी गई थी। इसमें दो दुकान सहित तीन मकान शामिल है। इस संबंध में पुलिस के अफसरों का कहना है कि अभी जांच चल रही है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
40 से अधिक लोगों से पूछताछ
इधर, इस मामले में राज्य पुलिस ने एक कारोबारी और एक अन्य शहर के महापौर सहित 40 से अधिक संदेहियों का बयान दर्ज किया है। ये रायपुर, दुर्ग , भिलाई, राजनांदगांव, रायपुर, भोपाल, दिल्ली और गाजियाबाद के रहने वाले हैं। इनसे मिली जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम साक्ष्य एकत्रित करने में जुटी हुई है।
इस मामले में अब तक सीबीआई ने जुर्म दर्ज नहीं किया है, लेकिन पुलिस की प्राथमिक रिपोर्ट और जांच में मिले साक्ष्य के आधार पर कुछ इनपुट मांगे गए है। सीबीआई के स्पेशल जांच अधिकारी पीके पांडेय ने कुछ बिंदुओं पर एसआईटी से जानकारी जुटाने के लिए कहा है। इसमें हैदराबाद भेजे गए एफएसएफ लैब की रिपोर्ट भी शामिल है।