दिनभर का रहा शेड्यूल
सेलिब्रिटीज दिनभर के शेड्यूल तय कर शहर पहुंचे थे। यहां के लिए उन्होंने अलसुबह इंदौर से उड़ान भरी। १ बजे प्रेस क्लब में पीसी ली। इसके बाद प्रभात टाकीज गए। वहां से पंडरी स्थित एक मॉल में उनका प्रोग्राम तय था। एेसा पहला मौका था जब सिटी में किसी फिल्म के प्रमोशन को लेकर एक साथ इतने सेलेब्स दिनभर रहे। शहरवासियों में इन्हें लेकर दीवानगी देखी गई। सुबह से ही बड़ी संख्या में फैन एअरपोर्ट पहुंच चुके थे। वीआइपी रोड स्थित एक होटल में उन्हें ठहराया गया। प्रेस क्लब में सबसे आखिर में दीपशिखा और नाजिया हुसैन पहुंचीं। आते ही उन्होंने देर से आने के लिए खेद जताया और बताया कि लगातार एक शहर से दूसरे शहर जाने के चलते शेड्यूल गड़बड़ा गया।
आर्किटेक्ट बनना चाहती थी
करीब ढाई दशक से टीवी व फिल्मों कई तरह के रोल प्ले कर चुकी दीपशिखा ने बताया कि मेरा बैकग्राउंड फिल्मी है, लेकिन मैं इस फील्ड में नहीं आना चाहती थी। मेरा सपना आर्किटेक्ट या इंजीनियर बनना था। काफी दिनों से मेरी चाहत थी कि कोई गाना गाऊं । जल्द ही मेरी यह ख्वाहिश पूरी होने को है। मालूम हो कि दीपशिखा बिगबॉस -8 में भी नजर आईं थीं। इससे पहले दास्तान-ए-हातिमताई, शक्तिमान, नागिन-३, नच बलिए, सीआइडी समेत कई टीवी सीरियल में अभिनय कर चुकी हैं। कोयला, बादशाह, दिल्लगी, यह दूरियां के अलावा ३० से ज्यादा फिल्मों में अलग-अलग किरदान निभाए हैं।
बिना संघर्ष के नहीं मिलता मुकाम
संजय दत्त की भतीजी नाजिया हुसैन कहती हैं कि इंडस्ट्रीज में फैमिली बैकग्राउंड का होना आपकी कामयाबी तय नहीं करता। बिना स्ट्रगल के आप कोई मुकाम हासिल नहीं कर सकते। इस फिल्म के लिए मैंने ऑडिशन दिया, जब फिल्म मेकर को लगा कि मैं रोल कर सकती हूं, तभी मुझे लिया गया। मैंने तो लाइन में लगकर भी ऑडिशन दिए हैं। मुझे जो अच्छा लगता है वही करती हूं। इससे पहले भी मैंने दो फिल्में की है। मेरी दो मूवी आ रही है जिसका नाम मुश्किल और पॉश है।
हनुमान चालीसा रटना काम आया
वर्ष 2008 में बनी थ्रिलर फिल्म ‘1920’ से सुर्खियों में आए रजनीश दुग्गल ने मॉडलिंग में खासी पहचान बनाई थी। उन्होंने बताया उन दिनों एक प्रोडक्ट का ब्रांड अंबेस्डर था। मुंबई में बड़े-बड़े फ्लेक्स लगे हुए थे। विक्रम भट्ट ‘1920’ बनाने की तैयारी में थे। जब उन्होंने मुझे फ्लेक्स में देखा तो बुलवाया। उनका सवाल था कि हनुमान चालीसा याद है। मैंने कहा हां। बोले कि सुनाओ। मैंने सुना दिया। इस तरह मेरी एंट्री बालीवुड में हुई। दरअसल, जब मैं क्लास फोर्थ में था तब मुझे काफी डर लगता था। मम्मी ने हनुमान चालीसा रटवा दिया था, जो मेरे लिए लकी साबित हुआ। टाइम नहीं है और मुश्किल अपकमिंग मूवी हैं।
टीवी नहीं छोड़ूंगा
क्या कूल हैं हम-3, बोल बच्चन समेत 30 से ज्यादा हिंदी व भोजपुरी फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ चुके कृष्णा अभिषेक ने कहा कि उनकी पहचान टीवी से हुई है। आज भले ही सिल्वर स्क्रीन में नजर आ रहे हैं, लेकिन असल प्रसिद्धि छोटे परदे ने ही दिलाई है। इसलिए टीवी नहीं छोड़ेंगे। गोविंदा के सपोर्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि कॉलेज के टाइम पर फाइनेंसियल मदद जरूर की थी लेकिन आज मैं जो भी हूं उसमें मेरी मेहनत है, उनका अफोर्ड नहीं।
बड़े भाई हैं रोल मॉडल
कई भाषाओं की फिल्मों व सीरियल्स में एक्टिंग कर चुके मुकुल देव ने कहा कि उनके बड़े भाई राहुल रोल मॉडल हैं। उनसे मैंने काफी कुछ सीखा है। वे कहते हैं कि फैमिली बैकग्राउंड फिल्मी होने से ही आपको हाथों-हाथ नहीं लिया जाता। जब तक आप अपनी आइडेंटिटी नहीं बनाएंगे बालीवुड में टिके रहना मुश्किल होता है। वे जय हो, सन ऑफ सरदार, आर राजकुमार में नजर आ चुके हैं। यमला-पगला-दीवाना के लिए उन्हें अमरीशपुरी अवॉर्ड मिल चुका है।