उन्होंने इस मुद्दे पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह को घेरने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसी के बजाए सीधे शिक्षक रखने की मांग रखी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा शिक्षा मितान भर्ती मामले की जांच की घोषणा की।
वहीं सामान्य वर्ग के गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने का मुद्दा शून्यकाल में प्रमुखता से उठा। विपक्ष ने कहा, इस पर ध्यानाकर्षण लगाया गया है, इसकी अभी चर्चा तत्काल कराई जाए।
आसंदी की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं होने पर विपक्ष नारेबाजी की। नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सदस्य गर्भ गृह में पहुंच गए और वह स्वयं निलंबित हो गए। विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा की।