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भूपेश बघेल बोले – 13 लाख नहीं 37 लाख किसानों को मिलना चाहिए धान के बोनस का लाभ

locationरायपुरPublished: Sep 01, 2017 02:47:00 pm

धान के बोनस की घोषणा के बाद उसके क्रियान्वयन को लेकर प्रदेश में एक नई सियासत शुरू हो गई है।

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रायपुर. धान के बोनस की घोषणा के बाद उसके क्रियान्वयन को लेकर प्रदेश में एक नई सियासत शुरू हो गई है। आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकार वार्ता लेकर कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पंजीकृत करीब 13 लाख किसानों को धान का बोनस देने की घोषणा की थी, जबकि राज्य शासन की ओर से धान के बोनस को लेकर जारी आदेश में कहा गया है कि किसानों के उत्पादित फसल पर धान का बोनस दिया जाएगा। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक नहीं बल्कि सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक ही धान के बोनस का वितरण हो। उनका कहना है कि सरकारी आदेश से प्रदेश में निवासरत करीब 37 लाख किसानों को फायदा होगा। बघेल ने कहा कि वह सरकारी आदेश का स्वागत करते हैं और इसी के मुताबिक धान के बोनस का वितरण होना चाहिए। दरअसल यह पूरा पेच पंजीकृत किसान और प्रदेश में निवासरत किसानों को लेकर है। अगर भूपेश बघेल की माने तो प्रदेश में राजस्व रिकार्ड के मुताबिक करीब 37 लाख किसान निवासरत है, जबकि सरकार के पास करीब 15 लाख किसान पंजीकृत है और उनमें से करीब 13 लाख किसानों ने धान बेचा है।
बीजेपी का चुनावी वादा था बोनस

चौथी विधानसभा के लिए 2013 में हुए चुनाव में 300 रुपए बोनस का वादा भाजपा के संकल्पपत्र में शामिल था। सरकार ने 2013-14 की धान खरीदी पर 2 हजार 374 करोड़ का बोनस बांटा। 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनते ही बोनस पर रोक लगा दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा, 2014-15 में सूखे के हालात बने। सरकार ने किसानों को 1800 करोड़ का राहत पैकेज दिया। लेकिन 2015-16 में आर्थिक वजहों से बोनस टाल दिया गया। पार्टी को 2018 के नवम्बर-दिसम्बर में आम चुनाव का सामना भी करना है। एेसे में यह दांव जरूरी हो गया था।
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इन वजहों से लिया फैसला
लगातार तीन सालों से सूखा झेल रहे किसान सरकार ने निराश हो रहे थे। उन्हें लग रहा था कि 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस का वादा करके भाजपा ने उनसे केवल वोट लिए हैं। यह बात कई बार वरिष्ठ नेताओं के सामने किसानों ने कही भी थी। पार्टी कार्यकर्ता इस आक्रोश को रोज झेल रहे थे। भाजपा की भुवनेश्वर में हुई राष्ट्रीय कार्यसमिति में प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने इस आक्रोश को दूर करने के लिए बोनस देने की मांग उठाई। एक बार सरकार की ओर से केंद्र को आधिकारिक पत्र भी गया। दो दिन पहले एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सामने बोनस और समर्थन मूल्य देने के नारे लगे। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को बताया कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के दौरान उन्होंने इसपर चर्चा की। दोनों ने बोनस देने का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
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