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रायपुर

सबसे पहले होम आईसोलेट किए गए दोनों डॉक्टर काम पर लौटे, बोले- आज नहीं तो कल कोरोना वायरस हारेगा

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Coronavirus Update) की राजधानी रायपुर में रहने वाले 2 सरकारी वरिष्ठ डॉक्टरों ने होम आईसोलेशन (Home Isolation) में रहकर कोरोना (Corona) को मात दे दी है।

रायपुरAug 14, 2020 / 11:13 am

Ashish Gupta

Coronavirus Update

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रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Coronavirus Update) की राजधानी रायपुर में रहने वाले 2 सरकारी वरिष्ठ डॉक्टरों ने होम आईसोलेशन (Home Isolation) में रहकर कोरोना (Corona) को मात दे दी है। सबसे पहले होम आईसोलेट कि गए इन दोनों डॉक्टरों ने इस दौरान ड्यूटी से छुट्टी नहीं ली थी। अपना काम ये अपने घरों से कर रहे थे, अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे थे।
बीते दिनों स्वस्थ होकर लौटने के बाद औपचारिक तौर पर पद संभालते हुए, पुन: पूरी मुस्तैदी से कोरोना को हराने में जुट गए हैं। इनका कहना है कि आज नहीं तो कल कोरोना वायरस हारेगा ही। कोरोना योद्धाओं की मेहनत बेकार नहीं जाएगी।
डॉ. सुभाष पांडेय, रायपुर संभागीय संयुक्त संचालक के पद पर रहते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता भी हैं। वे संक्रमित होने के बाद होम आईसोलेट हुए, मगर सक्रिय रहे। तमाम कोरोना अपडेट, सरकार द्वारा जारी किए जा रहे दिशा-निर्देश जारी करते रहे। व
हीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. रवि तिवारी भी मोर्चा संभाले हुए हैं। बता दें कि इन दोनों डॉक्टरों की उम्र 60 से अधिक है। इन दोनों को कोई लक्षण नहीं थे, मगर वे संक्रमितों की संपर्क में आए और जांच करवाई तो संक्रमित पाए गए। इन्होंने पूरी सावधानी बरती और खुद से दूसरों को संक्रमित नहीं होने दिया।

350 हेल्थ केयर वर्कर संक्रमित
अब तक प्रदेश में 350 से अधिक हेल्थ केयर वर्कर संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमित होकर ठीक हुए और दोबारा काम पर लौटे भी गए। इनका यही समर्पण उम्मीद जगाए हुए है कि जल्द छत्तीसगढ़ कोरोना मुक्त होगा। वहीं 200 से अधिक अन्य कोरोना वॉरियर्स भी कोरोना वायरस को मात दे चुके हैं।

होम आईसोलेशन में प्रदेश में 400 से अधिक मरीज
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 26 जुलाई से लागू हुई होम आईसोलेशन पॉलिसी के बाद से होम आईसोलेट होने वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है। जो अच्छा भी है, क्योंकि 80 प्रतिशत मरीज बिना लक्षण वाले हैं, यानी ए-सिम्पैटेमैटिक हैं। उन्हें सिर्फ अस्पताल/कोरोना केयर सेंटर में रखकर दवाईयां बस देनी है। वे खुद व खुद ठीक हो जाते हैं। जिनके घरों में सुविधाएं हैं, वे होम आईसोलेट हो रहे हैं। इससे कुछ हद तक बेड का संकट भी टला है।

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