…तो इसलिए दिवाली से पहले नवरात्र में चल रही सोने की एडवांस बुकिंग, शोरूम ग्राहकों से आबाद
अस्पतालों में ऑक्सीजनयुक्त बेड की समस्या उत्पन्न होने लगी थी। कोरोना संक्रमित मरीज न चाहते हुए भी निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होने लगे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 560 ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। ईएसआईसी हॉस्पिटल में 60 तथा लालपुर स्थित अस्पताल में 100 ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था कर गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया। आयुर्वेदिक अस्पताल में तैयार चल रही है। संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आने लगी है फिरभी स्वास्थ्य विभाग ऑक्सीजनयुक्त बेड तैयार कर आरक्षित रखेंगा ताकि संक्रमण दोबारा फैलता है तो गंभीर मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।कोविड सेंटर्स खाली, कई हुए बंद
एसिम्टोमैटिक (कम व बिना लक्षणों वाले) मरीजों के लिए बनाए गए कोविड सेंटर्स खाली पड़े हुए हैं, जिसको बंद करने की तैयारी की जा रही है। कुछ कोविड सेंटर्स बंद भी कर दिए गए हैं। सड्डू, आयुष में संचालित दो विंग में से एक और ऊपरवारा में बने कोविड सेंटर को बंद कर दिया गया है। इंडोर स्टेडिएयम में सिर्फ एक मरीज बचा हुआ है, जिसके ठीक होते ही एक-दो दिनों में बंद कर दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 83.7 प्रतिशत, 24 घंटों में ठीक हुए 1,852 मरीज
23 अक्टूबर को संभवतः फुंडहर कोविड सेंटर भी बंद हो जाएगा। गुढिय़ारी स्थित प्रयास सेंटर संचालित रहेगा। कोरोना संक्रमित मरीजों को यही पर भर्ती किया जाएगा। गंभीर मरीज एम्स, आंबेडकर अस्पताल और माना सिविल अस्पताल में भर्ती होंगे। वर्तमान समय में एम्स और आंबेडकर अस्पताल में पर्याप्त बेड खाली पड़े हुए है। मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा जारी रहेगी।ओपीडी और रिसर्च हो रहा प्रभावित
आयुर्वेदिक को कोविड अस्पताल बनाए जाने से कॉलेज के दो कमरों में ओपीडी संचालित हो रही है। पंचकर्म समेत कई डिपार्टमेंट बंद हो गए हैं। एक्सरे व अन्य कई जांचें भी नही हो रही है। कॉलेज में ओपीडी संचालित होने से छात्रों का रिसर्च भी प्रभावित हो रहा है।