क्षेत्र में संचालित कई ईंटभट्ठे ऐसे हैं जिनके पास न प्रशासन की अनुमति है और न ही खनिज विभाग से लीज ली गई है। यहां तक की पंचायत की अनुमित भी लेना जरूरी नहीं समझा गया। अवैध रूप से चल रहे इन ईंटभट्ठों में बाल मजदूर भी आसानी से देखे जा सकते हैं।
पर्यावरण प्रदूषण का खतरा
क्षेत्र में चल रहे इन ईंटभट्ठों से अब पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। हरे-भरे पेड़ भी काटे जा रहे हैंं। रहवासी क्षेत्र के पास लगे होने से दिनभर धुआं फैलता रहता है। कोयला का उपयोग न कर लकड़ी,भूसा, प्लास्टिक सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वहीं अधिकतर जगहों पर सडक़ किनारे ईंटभ_ा होने से भ_ा से निकलने वाले गरम थपेड़े राहगीरों को एकबारगी झकझोर देता है।
अगर किसी व्यक्ति को ईंटभट्ठे का व्यापार करना है तो उसे मिट्टी उत्खनन के लिए लीज की स्वीकृति लेने के लिए पर्यावरण विभाग की एनओसी, वन विभाग की एनओसी, ग्राम पंचायत नगरीय निकाय की मंजूरी, तहसील की एनओसी, निर्माण करने वाले लोगों का लाइसेंस आदि तैयार कराना होगा। तब ही आप कहीं ईंटभट्ठों का व्यापार कर सकते हैं।