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रायपुर

बरसात में जिले के प्रमुख मार्गों पर स्थित पुल-पुलियों की हालत हुई खराब

जान जोखिम में डालकर सफर करने को लोग मजबूर

रायपुरSep 18, 2021 / 04:35 pm

Gulal Verma

बरसात में जिले के प्रमुख मार्गों पर स्थित पुल-पुलियों की हालत हुई खराब

बरसात में जिले के प्रमुख मार्गों पर स्थित पुल-पुलियों की हालत हुई खराब

बलौदाबाजार। जिले के मुख्य मार्ग में यदि आप सफर कर रहे हैं तो इस दौरान अपनी जान का जोखिम स्वयं आपका ही होगा। हैरत की बात नहीं, बल्कि यह हकीकत है। जिले के मुख्य मार्गों के पुल – पुलियों की हालत बीते कुछ माह के दौरान इतनी अधिक खराब हो गई है कि इनकी वजह से प्रतिदिन बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। बरसात के दिनों में खासतौर से पुल-पुलियों की मरम्मत तथा रखरखाव किया जाना आश्वश्यक है, परंतु जिला मुख्यालय से आप किसी भी मार्ग की ओर जाएं, हाल सभी जगह एक जैसी ही है। इन्ही मुख्य मार्ग के पुल-पुलियों से जिला प्रशासन से लेकर विभागीय अधिकारी तथा बड़े जनप्रतिनिधि भी आए दिन गुजरते हैं, परंतु किसी ने भी जर्जर हो रहे बड़े पुल-पुलियों के रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दिया है। जिसकी वजह से जिले के 95 फीसदी बड़े पुल-पुलिया की हालत बुरी तरह से खराब हो चुकी है।
विदित हो कि भाटापारा ब्लाक को छोडक़र जिले के सभी पांच ब्लाक बलौदाबाजार, पलारी, सिमगा, कसडोल तथा बिलाईगढ़ पूरी तरह से सडक़ मार्ग से ही जुड़े हुए हैं। जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से एक ही मुख्य मार्ग है जो लवन, कसडोल होते हुए बिलाईगढ़ ब्लाक तक जाता है, वहीं बलौदाबाजार से एक अन्य मुख्य मार्ग पलारी होते हुए जिले को राजधानी रायपुर से जोड़ता है। शुक्रवार को इन दोनों ही मुख्य मार्गों की पूरी पड़ताल की गई तो बरसात के दिनों में हालत बेहद ही चौंकाने वाली नजर आई है। जिला मुख्यालय बलौदा बाजार से लवन-कसडोल तथा पलारी-रायपुर इन दो मुख्य मार्ग से ही पूरे चार ब्लाक के लोग निर्भर हैं, परंतु इन दो मुख्य मार्गों के पुल-पुलियों की हालत रखरखाव ना होने की वजह से बेहद खराब है। बीते दिनों की बारिश से कई स्थानों पर छोटे पुलिया बाढ़ में डूबे रहे हैं, जिसकी वजह से आवागमन का साधन बड़े पुल ही रहते हैं। पुल-पुलियों के रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के सेतु शाखा की होती है, परंतु बरसात का सीजन होने के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है, जिसकी वजह से पुल पुलियों की हालत बेहद खराब है तथा बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है।
तीन बड़े पुल पर दर्जनों गड्ढे
जिला मुख्यालय बलौदा बाजार से गिधौरी की दूरी 52 किमी है। इस मार्ग पर बलौदाबाजार से सर्वप्रथम 7-8 किमी पर ग्राम डोटोपार के पास मल्लिन नाले पर पुल है, जिसका बीच का हिस्सा पूरी तरह से उखड़ चुका है। बरसात के दिनों में आए दिन इस पुल के गड्ढे पर वाहन फंस रहे हैं। इसी मार्ग पर 21 किमी पर डोंगरीडीह पर महानदी पर बड़ा पुल, 45 किमी दूर कटगी के पास जोंक नदी पर बड़ा पुल है। महानदी तथा जोंक नदी के बड़े पुल के बीच में कई स्थानों पर इतने बड़े गड्ढे हो चुके हैं कि पुल की छड़ तक नजर आने लगी है। लगभग चार फीट चौड़े तथा पांच फीट से अधिक बड़े गड्ढों की वजह से पुल के इस किनारे से किसी छोटे चार पहिया तथा दो पहिया वाहन का गुजरना मुश्किल है। इन दोनों ही पुल पर लाइट ना होने की वजह से रात में गुजरते समय वाहन आए दिन दुर्घटनाग्रस्त होत ेरहते हैं।
पुल पर मवेशियों का डेरा
बलौदा बाजार से रायपुर मार्ग पर नगर सीमा से लगे खोरसी नाला हो या फिर बलौदाबाजार से भाटापारा मार्ग पर 15 किमी दूर जमनैया नाले का पुल हो, इन पर 24 घंटे मवेशियों का डेरा होता है। जिसकी वजह से दिन में कई बार यातायात जाम हो जाता है।
एनएच को ट्रांसफर हो चुकी है सडक़
लोक निर्माण संभाग के सेतु निर्माण शाखा की एसडीओ रंजना कश्यप से प्राप्त जानकारी के अनुसार बलौदा बाजार से कसडोल मार्ग पूरी तरह से एनएच (नेशनल हाईवे) को ट्रांसफर कर दिया गया है। इस मार्ग के सभी पुल- पुलियों के मेंटनेंस की जिम्मेदारी एनएच के अधिकारियों की ही है। एनएच के एसडीओ जैन ने बताया कि इन मार्गों पर बीते दिनों पैच रिपेयर किया गया है तथा गड्ढों को मटेरियल से भरा गया है, परंतु बरसात में वह खराब हो गया है। जल्द ही फिर से रिपेयरिंग की जाएगी।

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