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रायपुर

सरकार ने दिया तोहफा, जगदलपुर में लगेगी लघु वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट

राजनांदगांव जिले में वन धन कार्रवाई के लिए बीपीसीएल, आईओसीएल और एसपीएमसीएल ने मंजूर की राशि।

रायपुरFeb 27, 2019 / 09:47 pm

Anupam Rajvaidya

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सरकार ने दिया तोहफा, जगदलपुर में लगेगी लघु वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट

मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर और महाराष्ट्र के रायगढ़ में लघु वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इसके लिए लगभग 11 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।
जगदलपुर प्रोसेसिंग यूनिट जनजातीय संग्रहकर्ताओं और एमएसपी से लघु वनोपज प्राप्त करेगी। उन्हें पूरे देश में जनजातीय संस्थाओं के माध्यम से विपणन के लिए प्रोसेस्ड करेगी। इसका प्रमुख घटक पारंपरिक जनजातीय पेय हैरिटेज महुआ को मुख्यधारा में लाना होगा, जिसका उत्पादन और विपणन पूरे देश में किया जाएगा।
बीजापुर जिले से वन धन योजना का हुआ शुभारंभ
जनजातीय कार्य मंत्रालय अब वन धन योजना का विस्तार कर रहा है और उसे चरणबद्ध रूप से देश के सभी जनजातीय जिलों में लागू करने के लिए तैयार है। इसकी शुरूआत बड़ी जनजातीय आबादी वाले महत्वाकांक्षी जिलों के साथ की जाएगी। प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल 2018 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में वन धन योजना का शुभारंभ किया था। मंत्रालय ने सूक्ष्म वनोपज योजना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कवरेज के दायरे में 50 सूक्ष्म वन उत्पादों को शामिल किया है। प्रत्येक जिंस के संदर्भ में एमएसपी में 30 से 40 फीसदी तक की वृद्धि की गई है।
45 लाख आदिवासियों को मिलेगा रोजगार
लघु वनोपजों की खरीदारी की शुरुआत हाट बाजारों में होगी। यहां आदिवासी लोग राज्य सरकार की एजेंसियों और संबंधित जिला कलेक्टरों की सहायता के जरिए अपनी उपज लाएंगे। इसके लिए बड़ा प्रचार अभियान शुरू किया जाएगा। देश में प्रति 300 जनजातीय संग्रहकर्ताओं वाले लगभग 6000 वन धन विकास केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। इस तरह लगभग 45 लाख आदिवासियों को रोजगार प्रदान किया जाएगा।
[typography_font:18pt;” >फे्रंड्स ऑफ ट्राइब्स में राजनांदगांव
ट्राइफेड ने सीएसआर निधियां एकत्र करने के लिए फे्रंड्स ऑफ ट्राइब्स योजना भी प्रारंभ की है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) से अपने सीएसआर प्रयासों के माध्यम से जनजातीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का वित्त पोषण करने का अनुरोध किया गया है। बीपीसीएल, आईओसीएल और एसपीएमसीएल ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव और मध्यप्रदेश के बड़वानी, देवास व होशंगाबाद जिलों में वन धन कार्रवाइयों के लिए 10 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।

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