धमतरी. जिले की तीनों विधानसभा सीटें जीतकर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के उद्देश्य से 8 फरवरी को छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी (Chhattisgarh BJP) ओम माथुर धमतरी आ रहे हैं। वे जिले के संगठन पदाधिकारियों तथा प्रमुख जनप्रतिनिधियों की बैठक लेंगे। उल्लेखनीय है कि विभिन्न एजेंसियों की ओर से कराए गए सर्वे में भाजपा की जिले में हालत काफी पतली है। भाजपा की राजनीति में चमत्कार पैदा करने वाले ओम माथुर के बारे में कहा जाता है कि वह नब्ज को टटोलकर बीमारी का इलाज कर जिले में फिर से भाजपा को सेहतमंद कर देंगे।
इस साल के अंत तक छत्तीसगढ़ विधानसभा (CG assembly election 2023) में होने वाले चुनाव के मद्देनजर राजनैतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा किसी भी सूरत में प्रदेश में फिर से सत्ता में लौटना चाह रही है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी (Chhattisgarh BJP) के रूप में पार्टी ने अपने अनुभवी नेता ओम प्रकाश माथुर को जिम्मेदारी सौंपी है। वह अब तक इस प्रदेश के 50 फीसदी जिलों का दौरा कर संगठन की स्थिति और पार्टी की संभावनाओं को टटोल चुके हैं। इस कड़ी में वह 8 फरवरी को धमतरी दौरा में आ रहे हैं। जिला भाजपा प्रवक्ता कविन्द्र जैन के अनुसार वह मंडल तथा मोर्चा के समस्त पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की बैठक लेंगे।
विदित हो कि वर्तमान में धमतरी और कुरूद में भाजपा तथा सिहावा विधानसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में है। पिछले चार सालों में भाजपा संगठन के नेताओं की आपसी खींचतान एवं कुछ जनप्रतिनिधियों की पार्टी से ऊपर स्वयं को समझने की प्रवृत्ति के कारण जमीनी कार्यकर्ताओं ने दूरी बना ली है। भाजपा में अपने खून और पसीने से पार्टी को खड़ा करने वाले नेताओं को सुनियोजित तरीके से हाशिए पर खड़ा कर दिया गया है। सबसे आश्चर्य तब होता है जब भाजपा संगठन के प्रदेश महामंत्री पवन साय जैसे अनुभवी नेता भी सभी स्थितियों से वाकिफ होने के बावजूद प्रमुख नेताओं के बीच आपसी समन्वय बनाने के लिए कोई कारगर प्रयास नहीं किया।
मंडल स्तर पर संगठन कमजोर
जिला भाजपा संगठन की गतिविधियों को संचालित करने के लिए यहां 12 मंडल का गठन किया गया है। इनके ऊपर 750 बूथों को मैनेजमेंट करने की जिम्मेदारी है। गंगरेल, आमदी, कुकरेल जैसे कुछ मंडल को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश मंडल अध्यक्षों ने सक्रियता नहीं दिखाई। जिला भाजपा संगठन के नेताओं के आपसी खींचतान के कारण भी मंडल स्तर पर भाजपा का संगठन कमजोर हुआ है।
विधायकों से नाराजगी
जिले में भाजपा के दो विधायक अजय चन्द्राकर और रंजना साहू है। विधायक अजय चन्द्राकर जब से पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बने है, तब से वह अपनी बयानबाजी के कारण लगातार विवादों में पड़ रहे हैं। धीरे-धीरे उनके विधानसभा क्षेत्र में भी पार्टी के नेता लगातार उनके खिलाफ लामबद्ध हो रहे हैं। इसी तरह विधायक रंजना साहू भी पार्टी के अंदर एक वर्ग विशेष के लोगों तक ही सीमित होकर रह गई है। एक सड़क निर्माण का मुद्दा विधानसभा में उठाकर वह सर्वसमाज की नजर में चढ़ गई है। वैसे उक्त दोनों विधायक अपनी टिकिट और जीत के प्रति आश्वस्त भी है।
नए चेहरे पर दांव ?
पूरे प्रदेश में यह चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व इस बार विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव की तर्ज पर अपने मौजूदा विधायकों की टिकट काट सकता है। ऐसे में क्या जिले की तीनों विधानसभा सीटों में नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतार सकता हैं। राजनैतिक प्रेक्षकों का कहना है कि नए और अनुभवी चेहरों को मौका देकर भाजपा अपनी संभावनाओं को जीवित रख सकती है। यही वजह है कि कुछ उद्योगपति और समाजसेवी भी पार्टी के अंदर अपनी संभावना तलाश रहे हैं और तो और उचित समय देखकर ये पार्टी में प्रवेश भी कर सकते हैं।
जिला भाजपा संगठन में फेरबदल जरूरी
भाजपा के आम कार्यकर्ताओं का मानना है कि जिला भाजपा संगठन के साथ ही मंडल स्तर पर व्यापक फेरबदल कर ही भाजपा नेतृत्व आगामी चुनाव में कोई चमत्कार पैदा कर सकता है। पे्रक्षकों का भी मानना है कि इससे कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर होगी और वह पुन: संगठित होंगे। पिछले दिनों जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष बीथिका विश्वास को हटाए जाने के बाद अब सबकी नजर जिला भाजपाध्यक्ष शशि पवार पर टिक गई है।
क्या कहते हैं पार्टी नेता
प्रदेश प्रभारी के रूप में ओम माथुर की नियुक्ति के बाद पूरे प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह है। उनके कुशल मार्गदर्शन में भाजपा फिर से सत्ता में आएगी।
शशि पवार, जिलाध्यक्ष भाजपा
चुनावी साल है। छग प्रभारी कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भरने के लिए आ रहे है। संगठन का एक अलग प्रभाव रहता है, निश्चित ही इसका जिले में पार्टी को बड़ा लाभ मिलेगा।
रंजना साहू, विधायक
प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर कुशल संगठक है। वे जहां भी गए, वहां चुनाव जीते हैं। उनके कुशल प्रबंधन के चलते हम आश्वस्त है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनेगी।
इंदर चोपड़ा, पूर्व विधायक
जितनी बुरी स्थिति पार्टी की छग में हुई, उस हिसाब से संगठन में परिवर्तन हो रहा है। तीन प्रभारी बदलने के बाद ओम माथुर आए है। जिस हिसाब से काम हो रहा है, उससे कार्यकर्ता बड़े बदलाव के इंतजार में है।
शिव प्रताप ठाकुर, वरिष्ठ नेता