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प्रदेश में विद्यालय बंद होने के बावजूद शिक्षकों को विद्यालय बुलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों का विद्यालय में पढ़ाने के अलावा कोई कार्य नहीं होता है। ऑनलाइन पढ़ाई वे घर से भी करा सकते हैं। जिसका रिपोर्ट पोर्टल से मिल जाता है। वर्तमान में बहुत से शिक्षक कोविड से संक्रमित हो रहे हैं और वाहक के रूप में भी कार्य कर रहे हैं, जिससे शिक्षकों के जीवन पर खतरा बना हुआ है।ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ चौथा राज्य जहां सबसे ज्यादा संक्रमण, 15 दिन तक शरीर में रह रहा वायरस
कोविड-19 के रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन का कार्य भी जारी है। 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी नागरिकों को वैक्सीनेट किया जाना है। जिसमे शिक्षकों की भी मदद लेने की तैयारी है। इसके लिए कुछ जिलों में आदेश भी जारी किया गया है। ज्ञात हो कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के कार्य में शिक्षक अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। शिक्षकों को वैक्सीनेशन कार्य मे सम्मलित करने से संगठन को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन संघ शिक्षकों के स्वास्थ्य के प्रति कुछ चिंताएं हैं, उसे डयूटी लगाते समय ध्यान रखा जाए।शिक्षक संघ ने की ये मांग
– बहुत से शिक्षक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है, ऐसे शिक्षकों को इस ड्यूटी से अलग रखा जाए।– महिलाओं जिनके छोटे बच्चे है उन्हें छूट प्रदान की जाए।
– सभी शिक्षकों का वेक्सीनेशन किया जाए।
– स्वास्थ्य कर्मियों की तरह शिक्षकों का भी बीमा किया जाए।
– कोरोना किट, मास्क, सेनेटाइजर आदि सामग्री उपलब्ध कराया जाए।