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ताड़कासुर का ऐसा मानता था कि भगवान शिव कभी भी विवाह नहीं करेंगे। इसीलिए उसकी कभी भी मृत्यु नहीं होगी। जब उसे यह आशीर्वाद मिल गया तब उसने लोगों पर हिंसा करना प्रारम्भ कर दिया। ताड़कासुर के अत्याचार से परेशान होकर सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और ताड़कासुर से मुक्ति दिलाने प्रार्थना करने लगे। देवताओं की प्रार्थना सुनने के बाद भगवान शिव ने मां पार्वती से विवाह किया और कार्तिकेय के पिता बने। बाद में कार्तिकेय ने ताड़कासुर का वध किया।