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रायपुर

इच्छासक्ति से छोड़ सकथें नसा

नसा करे के पाछू सबले बड़े कारन होथे अपन कमजोरी ल लुकई

रायपुरJan 10, 2019 / 07:15 pm

Gulal Verma

cg news

इच्छासक्ति से छोड़ सकथें नसा

नसा ह नास के जर हे। सरी संसारभर के बुराई के महतारी नसा ह हरय। जिहां नसा हे, उहां नास खच्चित हे। नसा ह सामाजिक, आरथिक के संगे-संग मानसिक अउ सारीरिक हालत ल बिगाड़थे। नसा के पंजा ह जिनगी के फूल ल रमंजत जावत हे। नसा ह नवा पीढ़ी ल बिगाड़त हे। नसेड़ीमन के संख्या दिनोदिन बाढ़त हे। नसा के लत ह मनखे के जिनगी ल माटी के मोल मिलावत हे। कतकोन रोग-राई के जर नसा ह हरय। मनखे ह नसा म लाज, मरजाद ल तियाग देथे। गलत-सलत काम करथे। नसा से समाज म अपराध बाढ़त हे। नसा के चलन ह बर-बिहाव, छट्ठी-छेवारी, पूजा-पाठ के संगे-संग मरनी-हरनी म घलो अमरबेल कस छावत हावय। नसा के लत ह मनखे ल अलाल, कमजोर, बेमार, अधमरा अउ दूसर के जुठा चटइया बना देय हे।
नसा करे के पाछू सबले बड़े कारन होथे अपन कमजोरी ल लुकई। नकटा, चोरहा, लबरा अउ हतियारा बनावत हे नसा ह। मनखे अपन इच्छासक्ति से नसा ल छोड़ सकथे। समाज म छाए नसा के मेकराजाला ल निकाल सकथे।

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