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रायपुर

धुररा-गरदा ल झटकारे के जरूरत

बिचार

रायपुरFeb 18, 2019 / 07:39 pm

Gulal Verma

cg news

धुररा-गरदा ल झटकारे के जरूरत

मोला जब ले ए बात के जानबा होइस के इहां भगवान भोलेनाथ ह माता पारबती संग सोला बछर ले रहिके अपन बड़े बेटा कारतिकेय ल वापिस कैलास लेगे खातिर डेरा डार के बइठे रिहिस हे, तब ले मोर मन म ए गुनान चालू होगे के त फेर आज हमन ल छत्तीसगढ़ के जेन इतिहास देखाय जावत हे, बताय अउ पढ़ाय जावत हे, वोहा आधा-अधूरा अउ बौना हे। जेला फिर से नवा सिरा ले लिखे के जरूरत हे!
अभी तक इहां बगरे किताबमन के माध्यम ले सिरिफ अतके जान पाय रेहेन के छत्तीसगढ़ के इतिहास ह रमायन अउ महाभारतकालीन हे। फेर, अब जानेन के सिरिफ अतके नइ, भलुक ए माटी के जुन्ना इतिहास सिरिस्टिकाल संग जुड़े हे। जेला युग निरधारन के दिरिस्टि ले सतयुग घलो कहि सकथन। त फेर मन म इहू बात उपजथे के इहां जेमन ल हमन इतिहासकार के रूप म जानथन वोमन ए सब बात ल काबर नइ लिखिन? त एक बात झक ले आगू म आ जथे के इहां जतका भी इतिहासकार होय हें, वोमन के गियान के जानबा उत्तर भारत ले आए धारमिक गरंथमन रेहे हें। ऐकरे सेती वोमन उहां ले जुड़े घटना संग जोड़-जाड़ के छत्तीसगढ़ के इतिहास ल लिख दे हें। तभे तो वो इतिहास लेखन ह इहां के मूल संस्करीति अउ धारमिक रीति-रिवाज संग जोड़ के देखे ले अन्ते-तन्ते जनाथें।
इहां के गांव-गांव अउ घर-घर म बूढ़ादेव, ठाकुरदेव, साड़हादेव, सीतला दाई जइसन देवी-देवता काबर मिलथे। राम अउ किरिस्न संग जुड़े संस्करीति या ऐमन ह कुलदेवता के रूप म काबर नइ पाये जाय? कहुं छत्तीसगढ़ के धारमिक अउ सांस्करीतिक इतिहास सिरिफ रमायन अउ महाभारतकालीन तक सीमित होतिस त निस्चित रूप ले राम अउ किरिस्ना ह इहां घरों-घर म कुलदेवता के रूप म बिराजे रहितिस। फेर, अइसन नइये। छत्तीसगढ़ ह सतयुग माने भगवान भोलेनाथ के संस्करीति ल जीथे, तेकर असल कारन हे ए माटी के इतिहास ह सतयुग माने सिरिस्टिकाल तक जुन्ना हे। जेला फिर से लिखे-पढ़े के जरूरत हे।
बस्तर म एक लोकगीत मिलथे, जेकर मुताबिक भगवान भोलेनाथ अउ माता पारबती ह अपन जिनगी के सोला बछर तक इहां रिहिन हें। अइसे कहे जाथे के उन इहां रहिके अपन बड़े बेटा कारतिकेय ल कैलास लेगे खातिर मनावत रिहिन हें। हमन ल धरम गरंथ के माध्यम ले ए जानकारी मिलथे के भगवान गनेस ल वोकर चतुराई अउ तेज बुद्धि के सेती परथम पूज्य के आसीरवाद दे गे रिहिस हे। तेकरे सेती आज घलो जम्मो किसम के धरम-करम के कारज म हमन गनेस के ही सबले पहिली पूजा करथन। इही परथम पूज्य के आसीरवाद के सेती वोकर बड़का भाई कारतिकेय ह रिसा के दक्छिन भारत म आके रेहे बर धर ले रिहिस हे। तब भगवान भोलेनाथ अउ माता पारबती ह वोला वापिस कैलास लेगे खातिर छत्तीसगढ़ के बस्तर म आके सोला बछर तक रिहिन हें।

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