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रायपुर

यच्छ प्रसन

बबा के गोठ

रायपुरMar 01, 2019 / 11:05 pm

Gulal Verma

cg news

यच्छ प्रसन

आज संझौती बबा ल सोच मं डूबे देखके ए जानत हुए के बबा ल छत्तीसगढ़ी बोली ह भाथे, मेहा कहेंव- बबा, ‘हाउ डू यू डूÓ। तब बबा के बने हंवअ जवाब ल सुनके बड़ मजा आइस। मेहा बबा से पूछेंव का सोचत रहेव बबा? बबा ह कहिस- बिरजू, मेहा ए गुनत रहेंव के हमर जमाना मं साधु-संत मन कम बोले अउ सच बोले। ओमन उपदेस भी ओतके देवे जउन ल खुद अपनाय रहे। हमर गांधी बबा ह अइसने महात्मा रहिस, जेकर सच के आगरह से ही हमर देस ल अंगरेजी गुलामी से अजादी मिलिस। ऐहि कारन हमर अजाद देस के आदरस हे- ‘सच ही जीततथेÓ रखे गे हे। हम मन ए मानत आय हन के सच के आगू झूठ ह ए कारन नइ टिके के झूठ के पांव नइ होय, फेर अब तो कतको बार सच अउ झूठ के दउड़ मं बिन पांव केझूठ ह अतेक जोर से दउड़थे के सच ह हार जाथे। ऐकरे कारन मेहा ए सोचत रहेंव के आज के कोनो नेता से ओ यच्छ के भेंट हो जाही, जउन ह महाभारत के सच बोलइया युधिस्ठिर से प्रसन करे रहिस, तो नवा यचछ- प्रसनोतर ह अइसे होहि-
यच्छ- बाप अउ बेटा मं कउन चतुरा होथे?
नेता- बेटा, तभे तो मेहा मंतरी हंवअ।
यच्छ- बिना छुए का तोरे जा सकत हे?
नेता- हमर ओ वादा जउन ल चुनाव के बेरा करे जाथे।
यच्छ- जनता ह कब सुखी रहिथे?
नेता- जब हमर पारटी के राज रहिथे।
यच्छ- जनता बर आपके का संदेस हे।
नेता- हमर संसकिरती मं संतोस रूपी धन ह, सबसे बड़े धन कहे गे हे, एक कारन जनता ल हर हाल मं संतोस रखना चाही।
ए प्रसनोतर के बाद जइसे महाभारत के युधिस्ठिर ह जइसे अपन भाई मन ल पानी पिलाये बर चले गे रहिस वइसने नेताजी ह जनता ल आसवासन के भासन पिलाए बर चले गे।

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