scriptमहिला कमांडो के सीख | chattisgarhi sahitya | Patrika News
रायपुर

महिला कमांडो के सीख

समाज

रायपुरMay 15, 2019 / 05:15 pm

Gulal Verma

cg news

महिला कमांडो के सीख

आ ज गांव म महिला कमांडो के गठन हे। महु ल बलाय हे। मेहा जाहूं कहिके सुकारो ह अपन गोसइया भरत ल बतात हे।
भरत कथे- कोई जरूरत नइये अमांडो-कमांडो बने के। चुपचाप खा अउ घर म परे रा। पंचायती करे के कोई जरूरत नइये। मेहा दू दिन बर बेटी घर जात हंव, कहिके भरत ह निकल गे।
सांझकुन पंचायत म जम्मो सियानमन सोच-बिचार के सुकारो ल महिला कमांडो के अध्यक्छ बना दिस। गांव वालामन सुनिन तहां खुसुर-फुसुर गोठ-बात सुरू कर दीन। गांव के अख्खा दरुवाहा तो भरत हे। वो सुकारो अपन घर ल नइ संभाल सकिस त गांव ल का बचाही। फेर, सियानमन कहिन – जेन ह भोगत हे, उही ह समझ सकथे ए दारू-सराब के दुरदसा ल कहिके बइठका ल उसाल दीन।
रतिहाकुन सिटी पारत सब कमांडोमन गांव म घूमिस अउ अंडा दुकान, पान ठेला, चखना सेंटर म धावा बोल दिस। कतको पियइयामन लकर-धकर भागिन। तभो ले दस-बाराझन पकड़ म आइस। वोमन ल समझाइस देके छोड़ दे गिस के, आज पहिली दिन आय, काली ले जे गारी बखाना करही अउ गांव के सांति भंग करही वोला सीधा थाना म बंद कराय जाही।
दू दिन के बाद भरत गांव आइस। वोला पता चलिस त भड़कगे। सांझकुन मनमाने दारू पीके वोहा गारी-गुप्तार करत रहय। हमर पइसा के पिथन। ककरो करा मांगे बर नइ जान। ऐमन उल्टा-पुल्टा पट़्टी पढ़ाके मोर गोसइन ल अध्यक्छ बना हे। वो मोर सुवारी ए। मोर आगू चिंवचांव नइ कर सके कहिके मेछा म ताव देवत लड़बिड़-लड़बिड़ करत रहाय। वोतकी बेर सीटी पारत कमांडो दलमन आगे। सुकारो ह भरत ल उधम मचात, गारी बखाना करत देखिस त थोकिन सहमगे। फेर, हिम्मत करके कहिस – तंय सोजबाय घर कोति चल ऐकर पीये बर मनाही हे। भरत अतका सुनिस ताहंन वोकर रिस तरवा म चढग़े। सबके आघू दू-तीन थपरा लगा दिस, हमला सिखाबे कहिके। सुकारो के नाड़ी जुड़ागे, फेर वहू ह कहिस- गांव के भलई म बाधा बनही वो कोनो होय नइ बांचे कहिके लउठी म दनादन मारे के चालू कर दिस। बाकीमन तको कस के मुडी़ कान के फूटत ले मारिस अउ जेन भी अइसने करही वोकर इही गति होही कहिके चल दिस। बाद म गांव लइकामन भरत ल घर लानिस।
सुकारो ह गरम पानी म वोकर मुंहु -कान ल धोइस, मलहम लगाइस अउ तरतर रो डरिस। भरत कथे -तंय मोला मार के खुद काबर रोवत हस। सुकारो कथे -वो तीर जेन करेंव वो मोर गांव बचाय के धरम आय। अध्यक्छ बने हो त निभाहुं, भले जान छुट जाय। आज के घटना से सब महिलामन ल हिम्मत मिलही अउ ए मोर पत्नी धरम आय तोर पीरा महु ल जनात हे। काबर गांव म पी-खा के बेइज्जती करथस। तोला पिये के मन लागथे त कभु-कभु घर म पी ले कर।
भरत कथे -आज ले मंय नइ पीयंव। खुद तोर हाथ बटाहूं। तोर समरथन करहूं। हम सुधरबो, तभे गांव सुधरही कहिके दूनोंझन सब भुला के भात खाय ल धर लिस।

Home / Raipur / महिला कमांडो के सीख

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो