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रायपुर

कुकुर भूंके हजार

बिचार

रायपुरJun 28, 2019 / 05:20 pm

Gulal Verma

cg news

कुकुर भूंके हजार

त इहा के सियानमन कहय-बेटा! कुकुर भूंके हजार, हाथी चले बजार। फेर, हमन उंकर बात ल बने ढंग ले समझ नइ पाएन।
ए दुनिया ल जनई, समझई बहुत कठिन लगथे। ए दुनिया में हमन ल किसम-किसम के मनखे मिलथे। सबके संग हमन ल चले-निभे बर परथे। कतकोझन संग रहई हमन ल बने लगथे, उंकर से बोले गोठियाय म समे कइसे बीत जथे तेकर पते नइ चलय। फेर कतकोझन अइसे मिल जाथे जिंकरर संग समे काटे नइ कटय। पहार बरोबर लागे लगथे।
समे के कमी उंकर तिर होथे जउनमन ल जिनगी म नवा रद्दा गढ़े बर रइथे। कुछु अइसे काम करे बर रहिथे जउन ह देस अउ दुनिया के कुछु काम आ सकय। बाकी जउनमन ल दूसर के बनाय रद्दा म रेंगे बर रहिथे उमन ल जादा उदिम करे के जरूरत नइ रहय। उंकर काम बढ़ आसान हो जाथे।
आज के जुग बड़ा खतरनाक होगे हावय। आज हमन परमाणु युग में जियत हावन। जेमा मनखे तिर सोच- बिचारे जादा समे नइये। कोन जनी कब का बात म काकर माथा सनक जाय अउ का कहत का हो जही तेकर कोनो भरोसा नइये।
तइहा जमाना म लइकनमन दाई-ददा ल डेरावंय। अब दाई-ददामन लइका ल डेराथें। पहिली बहूमन सास-ससुर ल डेरावंय। अब सास-ससुर ह बहूमन ल डेराथे। पहिली कहे जाय परीछा म जउन ल कुछु नइ आवय तेला फेल करव। अब कहे जाथे थोर-थार नंबर देहे ले जउन पास हो जाथे जेला पास करव। तइहा जमाना म हमन पढऩ-मातृ देवो भव:। पितृ देवो भव:। अब हमन पढ़थन बाल देवो भव:। अइसे लगथे पूरा जमानेच ह उल्टा-पुल्टा होगे। खैर कोनो भी बात के अति म छति होबेच करथे ए बात ह सोला आना सच हे।
अब तो जतके बड़े पद रहिथे जिनगी मं घलो वोतके बड़े रिस्क रइथ। काबर कि ‘जिहां सब सियान, तिहां मरे बिहान।Ó कोनो जघा एक झन के चलबे नइ करय अउ सबके मति कभु एक होबे नइ करय। अब तो हालत अइसे होगे हावय के कोनो काम ह दूनों डहर बरोबर बल लगे ले आगू सरकबे नइ करय अउ कोनो काम जउन ह भारी तेज गति ले सरकथे तउन ह जादा दिन टिकय नइ। भररस ले गिर जाथे। नइते गिरा देथे। आगू बढ़हइयामन के जिनगी म कदम-कदम म बाधा रइथे। उंकर जिनगी अतेक आसान नइ राहय।
हमन ल जिनगी म आगू बढ़े बर हावय तब कईठन बात ल हमन ल अनदेखा करे बर परथे। नइते हमर जिनगी के गाड़ी ह उही म अरझ के रहि जाही अउ हमन आगू बढ़ेच नइ पाबो। ऐकर सेती जउन बात ह हमन ल आगू बढ़े ले रोकय वोकर पीछू हमन ल अपन उरजा अउ सम बरबाद करे बिना, वो बात ल वही तिर छोड़ के हमन ल अइसे आगू निकले बर चाही जइसे हम सुनबे नइ करेन।
जइसे कुकुरमन के भूंके ले हाथी ल कोनो फकर नइ परय वोहा अपन मस्त गति से आराम से रद्दा पार कर लेथे। ए बात ल अगर हमन उल्टा करबो तभो इही मतलब निकलही के हाथी ल रेंगत देख के कुकुरमन तो भूुकबे करथे।

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