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रायपुर

जय गनेस देवा

गनेस चतुरथी बिसेस

रायपुरSep 04, 2019 / 05:23 pm

Gulal Verma

जय गनेस देवा

जय गनेस देवा

हि न्दू धरम म कुछु भी काम करथे त सबसे पहिली गनेसजी के पूजा करे जाथे। गनेसजी ह मंगलकारी अउ विघ्नहरता देवता ए।
भादो महीना के अंजोरी पाख म चतुरथी से ले के चतुरदसी तक माने दस दिन तक पूरा भारतभर म गनेस उत्सव के रूप म मनाय जाथे।
चतुरथी के दिन गनेसजी के पूजा -पाठ करके स्थापना करे जाथे। पूरा दस दिन तक धूमधाम से पूजा करे जाथे। आजकाल पूरा पंडाल ल बिसेस रूप से सजाय जाथे अउ कतकोन परकार के कारयकरम घलो रखे जाथे।
गनेस भगवान ह हिन्दूमन के अराध्य देव ए। कुछु भी काम करे के पहिली ऐकरे पूजा करे जाथे । सिव पुरान म ं एक कथा आथे कि एक दिन माता पारवती ह अपन सरीर के मइल ल निकाल के एक बालक बनाइस। वोकर नांव वोहा गनेस रखिस। जब माता पारवती ह नहाय बर गिस त गनेसजी ल पहरेदारी करे बर दरवाजा म खड़ा कर दिस अउ बोलिस के मोर नहात ले कोनो ल भीतर खुसरन झन देबे ।
गनेसजी ह दरवाजा म खड़े राहे। थोकिन बाद म संकरजी ह आ गे अउ भीतरी डहर खुसरे ल धरिस। गनेसजी ह वोला रोक दीस। गनेसजी बोलिस के ेतेंहा अभी भीतर नइ जा सकस। तब गनेस जी अउ संकरजी म लड़ई होगे संकर भगवान ह गुस्सा म अपन तिरसुल से गनेसजी के मुड़ी ल काट दिस।
जब माता पारवती ल ए बात ह पता चलिस त वो बहुत नराज होगे अउ वोला जिंदा करे के जिद्द कर दिस। माता पारवती के गुुस्सा से सब देवतामन डररागें । देवरसी नारद के सलाह से माता जगदंबा के अस्तुति करके वोला सांत कराय गिस। सिवजी के आदेस से बिसनुजी ह उत्तर दिसा म गिस अउ सबसे पहिली मिले जीव हाथी के मुड़ ल काट के लाइस। वोला गनेसजी के धड़ म लगाइस ताहन गनेसजी ह जिंदा होगे।
गनेसजी के जिंदा होय से सब देवी -देवता खुस होगें। सब कोई गनेसजी ल आसीरवाद दिस अउ वोला गननायक घोसित करिन। वोला सबसे पहिली पूजा करे के वरदान मिलिस। तब से गनेसजी के पहिली पूजा करे जाथे ।
गनेस जी के पूजा करे से सब परकार के कस्ट अउ बाधा ह दूर हो जाथे। घर म सुख, समरिद्धि अउ सांति आथे।

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