गढड़ोंगरी के स्वयंभू गनेस
गढड़ोंगरी के स्वयंभू गनेस
धमतरी जिला के नगरी तहसील ले 19 किलोमीटर दूरिया म एकठन नानकुन गांव गढड़ोंगरी हावे। इही गांव के सुरम्य जंगल के डोंगरी म धरती ल फोऱ के सिरी गनेसजी ह निकलें हे। ऐहा पुरातनकाल के ए। ऐहा जेन तीर निकले हे वो तीर गांव वालेमन मंदिर बना देय हे। वोकर आस-परोस के जगा ह बड़ सांत अउ उरजावान हे। गनेसजी के मंदिर के आही-बाहीं दुरगा माता, राम-सीता, संकर- पारबती अउ हनुमानजी के मूरति हावे।
ऐकर एकठन सत हे जेन मनखे ह गनेसजी के सच्चा मन ले पूजा -अरचना करही वोकर मनोकामना ह जरूर पूरा होथे। बहुत मनखेमन गनेसजी के मूरति ल दूनों हाथ म पोटारथें। फेर जिही मनखे ह भागमानी अउ सच्चा भगत रइही वोकरे हाथ ह पूरा पूरथे, नइते नइ पूरय। ऐकर एकठन सत हे जेन मनखे ह गनेसजी के सच्चा मन ले पूजा -अरचना करही वोकर मनोकामना ह जरूर पूरा होथे। बहुत मनखेमन गनेसजी के मूरति ल दूनों हाथ म पोटारथें। फेर जिही मनखे ह भागमानी अउ सच्चा भगत रइही वोकरे हाथ ह पूरा पूरथे, नइते नइ पूरय।
Home / Raipur / गढड़ोंगरी के स्वयंभू गनेस