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रायपुर

नवरात म चघाव माता ल फूल

परब बिसेस

रायपुरOct 12, 2020 / 04:51 pm

Gulal Verma

नवरात म चघाव माता ल फूल

नवरात म चघाव माता ल फूल

संसार मा देवी-देवता ल फूल-पान चघाय के परंपरा आदिकाल ले चले आवत हे। भोले बाबा ल बेल पान, बिसनु, किरिस्न, राम ल तुलसी दल, गनेस ल दूबी। अइसने सबो देवी-देवतामन के चघाय बर अलग -अलग फूल- पान नेमे हावय।
फूल ह सुभ अउ पबरित होथे। तीर-तार म मिलइया सबले सस्ती जिनिस होथे। ऐहा ममहाथे अउ देखे म सुग्घर दिखथे। कहे जथे कि जउन घर म फूल फूले रहिथे अउ फुलवारी होथे, उहां खुसियाली घर म आथे। ऐकरे सेती घर म, नइते तीर-तखार म फुलवारी बनाय के परंपरा आदिकाल ले चले आत हे। हमर राम चरित मानस म फुलवारी के बरनन मिलथे। राम के सीता ले भेंट पुस्पवाटिका माने फुलवारी म होय रहिस।
यग्य, गुरु पूजा अउ देवी देवता के पूजा बर फूल पान ल संघेरे मिंझारे जाथे। फूल ल चघाय ले देवी देवता के किरपा आसीरवाद मिलथे। फूल ह सरधा अउ मया के चिन्हारी आवय। वइसे नारीमन ल फूल अउ माला गजबेज सुग्घर लागथे। मोंगरा फूल के ममहाती माला ल अपन बेनी मा घलो लगाथें। गुलाब के फूल ल घलो मुड़ी मा खोंचते। हमर देस म देवीमन के पूजा के अब्बड़ महत्तम हे। नवरात म देवीमन के पूजा नौ दिन ले जोत जला के भक्ति भाव ले बिधुन होके करे जाथे। ऐमा फूल पान चढ़ाय के घलो बड़ महत्तम हे।
नौ दिन के नवरात म अलग-अलग दिन अलग-अलग देवी के पूजा होथे। पहिली दिन सैलपुत्री, दूसर दिन ब्रम्हचारनी, तीसर दिन चंद्रघंटा, चौथा दिन कुस्मांडा, पांचवा दिन स्कंधमाता, छटवां दिन कात्यायनी, सातवां दिन कालरात्रि, आठवां दिन महागौरी अउ नौवां दिन सिद्धिदात्री के पूजा होथे। ये नौ दिन के नवरात म देवीमन के पूजा के बेरा अलग-अलग रंग के फूल चघाय के बताय गे हे।
पहिली दिन सैलपुत्री ल सादा कनेर दसमत, नइते गोंदा फूल, दूसर दिन ब्रम्हचारनी ल सादा गुलाब, सेवंती अउ बर के फूल चघाय जाथे। तीसर दिन के पूजा म चंद्रघंटा ला कमल अउ संखपुस्पी के फूल, चौथा दिन कुस्मांडा ला पींयर फूल, गोंदा नइते, जूही के फूल, चघा के मुंहमंगा फल पाय जा सकथे। पांचवां दिन पूजा म स्कंधमाता ल लाली गुलाब, छटवां दिन के पूजा म कात्यायनी ल वोकर पसंग के चमेली फूल चघाय जाथे। सातवां दिन के पूजा म कालरात्रि ला कमल फूल, आठवां दिन के पूजा म महागौरी ल मोंगरा के माला अबड़ भाथे। अइसने नौवा दिन के पूजा म सिद्धिदात्री ला चंपा अउ दसमत फूल चघाय जाथे।
अइसने लछमी माता ल कोखमा फूल अब्बड़ भाथे। बिसनु ल पींयर फूल भाथे। तेकर सेती लछमी ल घलो गोंदा फूल चघाय म खुस हो जाथे। गियान अउ बिद्या के देबी सरसती माता ल सादा रंग के कमल, मोंगरा, खोखमा फूल चघाय जाथे। पारबती माता ला लाली फूल दसमत चघाके मुंहमंगा बरदान पाय सकत हंन। गुलाब फूल ल जादू फूल कहे जाथे। लाल गुलाब ल सबो देवी देवता म चघाय जाथे। खोखमा ह सबले सुग्घर दिखइया फूल आवय। दसमत फूल ह देवी अउ सूरुज देव के चिन्हा आय।

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