पूस महीना के हमर तीज-तिहार
पूस महीना के हमर तीज-तिहार
हिंदू पंचांग के हर महीना के बड़ महत्तम हावय। पूस महाना घलो ऐमा ले एक हावय। ये दारी ये महीना 31 दिसम्बर 2020 ले सुरू होके 28 जनवरी 2021 तक रइही। 28 जनवरी के पूस पुन्नी के दिन दान के महापरब छेरछेरा मनाय जाही। ऐकर संगे-संग पूस महीना सूरूज देवता के उपासना के घलो बिसेस महत्तम हावय। बिक्रम संवत् म दसवां महीना याने पूस के महीना। भारतीय महीनामन के नाव नछत्र के नाव पर परे हे। मतलब जे महीना म पुन्नी के चंदा ह जे नछत्र म परथेे वो महीना के नाव ह वई नछत्रा के नाव म रखे गे हावय। पूस महीना के पुन्नी के चंदा ह पुस्स नछत्र म रइथे ऐकर कारन ये भारतीय महीना के दसवां महीना पूस के नाव ले जाने जाथे।
पूस महीना पउरानिक दिरिस्टि घलो ले बहुत महत्तम के हावय। काबर ये पूस महीना म कईठन तिहार बरत रहिथे। ये महीना म दो अकादसी आही पहिली अंधियारी पाख म सफला अकादसी अउ अंजोरी पाख म पुत्रदा अकादसी। पूस म के अमावस अउ पुन्नी घलो के बिसेस महत्तम हे। ये दिन पितरीदोस अउ कालसर्पदोस से मुक्ति पाए बर उपवास घलो रखे जाथे। मकर संकरांति के तिहार घलो पूस महीना म मनाए जाथे। जब सूरूज देवता ह मकर रासि म आथे। ये दिन सुरूज देवता दछिनायन से उत्तरायन होथे। बिक्रम संवत् म हमर सबो तीज-तिहारमन चंदा के काल-गरना के आधार म मनाए जाथे। मकर संकरांति तिहार पूरा भारत म सुरूज के काल-गरना के आधार म मनाए जाथे। पूस पुन्नी के के दिन हमर छत्तीसगढ़ राज म दान के महापरब छेरेछेरा मनाय के जुन्ना परंपरा हावय। ये छेरछेरा तिहार खेती किसानी के बुता-काम ले रिता होय के बाद बने फसल होय के खुसी म तिहार के रूप म पूस पुन्नी के दिन मनाए जाथे।
ये दिन कई गांव म मेला घलो भराथे। ये गांव के लोगनमन गांव ले कहूं बाहिर नइ जावय अउ काम- बूता ये दिन बंद रहिथे। गांव के गांव ये तिहार ल मनाथे। ये तिहार किरसी परधान संस्करीति म दानसीलता के परंपरा के सुरता कराथे। आनंद अउ उत्साह ले जुरे छत्तीसगढ़ के मानस लोक परब के माध्यम ले समाजिक समरसता ल बनाए रखे बर पाछू कई सौ बछर ले ये तिहार ह संदेस देवत आवत हे। किसानमन घलो खुसी-खुसी अन्न के दान करके अपनआप ल धन्य मानथे। असल म छेरछेरा तिहार ह समाजिक अउ आरथिक समानता के तिहार हाबय। ये तिहार अपन रोटी सबकरा मिल बांट के खाये के संदेस देथें। हमन ल अपन संस्करीति ल बनाये रखे बर ये तिहार के अंजोर परंपरा ल बनाए रखे बर हे।
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