scriptहरेली तिहार म टोनही झूपथे! | chattisgarhi vayang new | Patrika News
रायपुर

हरेली तिहार म टोनही झूपथे!

का-कहिबे…

रायपुरAug 07, 2018 / 07:51 pm

Gulal Verma

cg news

हरेली तिहार म टोनही झूपथे!

कहावत हे ‘जंगल म मोर नाचिस, कोन देखिसÓ। अइसने कहि सकथव – ‘हरेली म टोनही झूपिस, कोन देखिस।Ó बतावव! ये माने जाथे के जइसे-जइसे समाज मं बिग्यानिक जानकारी बढ़थे, वइसने-वइसने अंधबिसवास ह कमतियावत जाथे अउ जुन्ना भरम, परंपरा, कुरीति मन ढिल्ला पर जाथे। फेर, हमर छत्तीसगढ़ के गांव-गंवई म अइसन होवत नइ दिखत हावय। कम से कम हरेली अमावस्या म जंतर-मंतर अउ टोना-टोटका के मामला म तो बिलकुलेच नइ। गांववाले अउ गाय-गरू ल कोनो देवीय, महामारी या आपदा लेे बचाय के खातिर रातकुन बइगा दुवारा जंतर-मंतर, टोना-टोटका करे के परंपरा म कमी नइ आय हे। बल्कि, अंधबिसवास ह कतकोन रूप म बाढ़त नजर आथे।
अइसे हरेली ह परकिति ल धन्यवाद देय बर किसान मन के तियार आय। बारिस, हरियाली के सुवागत करेके किसान मन के अपन तरीका हे। हरेली म किसान मन खेती-किसानी के अऊजार के पूजा करथें। गाय-गरू ल बीमारी ले बचाय खातिर औसधि खवाथें। मौससी बीमारी मन ले बचे बर घर म लीम के डारा-पाना लगाथें। फेर अंधबिसवास के चलत लोगनमन के मन म ये डर समा गे हावय के सावन अमावस्या के रातकुन टोनही अपन मंतर सिद्ध करथें। समसानघाट म साधना करथें। मंतर सिद्ध करत समे मुंह मं एक जड़ी रखथे, तेकर सेती लार टपकते, जउन ह आगी कस बरथे।
पहिली तो हैजा फइलय तेकरो बर टोनही ल दोस देवंय। कोन जनी, का सेती, कइसे लोगनमन के मन म ये भरम बइठ गे हे हावय के माइलोगिन मन जादू-टोना से ककरो अनिस्ट कर सकथें। लोगनमन के इही अंधबिसवास के सेती जादू-टोना के भय दिखाके ढोंगी बाबा, बइगा म ठगी, धोखाधड़ी करथें।
समाज म कतकोन परकार के अंधबिसवास अउ बुराई हावंय। मउत अउ अनिस्ट ले जुड़े अंधबिसवास ल लोगनमन झट ले मान जथे। ऐला नइ मानेय ले घलो डरराथे। काबर कि वोमन ल अपन अउ अपन परवार के जान-माल के सुरच्छा के बहुचेत चिंता रहिथे। ऐकरे सेती आजो आधुनिक, भौतिकवादी अउ सिक्छित जुग म घलो छत्तीसगढ़ के गांव-गंवई म टोना-टोटका अउ टोनही जइसे कुपरथा के मनइया हें।
हरेली अमावस्या ल लेके जतके मनखे, वोतके गोठ अउ वोकर ले जादा अंधबिसवास। कोनो जिनिस ल माने के पहिली अपन आंखी मन देख लेना चाही। कभु-कभु आंखी देखे ह घलो गलत हो सकत हे। त अपन दिमाग लगाना चाही। सोचव! जादू-टोना होतिस त सरकार ह परमानु बम, बंदूक, गोला-बारूद काबर बनातिस, सेना काबर रखतीस? टोनही-टोनहा, जादूगर, बइगा-गुनिया मन के सेना बनाके जम्मो दुसमन देस के अनिस्ट नइ कर लेतीस। टोना-टोकका करके आतंकवादी, माओवादी, अपराधी मन ल खत्म नइ करातीस। इही मन ल डाक्टर-नर्स बनाके बीमारहा मनखे मन के इलाज नइ करातीस। परकिति के सम्मान के सुघ्घर हरेली तिहार म पुरखा ले चलत आवत जादू-टोना के अंधबिसवास ल 21वीं सदी म सिक्छित समाज ह घलो नइ छोड़त हावय, त अउ का-कहिबे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो