scriptभुलवारे के आ गे तिहार | chattisgarhi vayang new | Patrika News
रायपुर

भुलवारे के आ गे तिहार

गोठ के तीर

रायपुरAug 21, 2018 / 08:48 pm

Gulal Verma

cg news

भुलवारे के आ गे तिहार

बजार ले नाहकत रहेंव त घुरउ किसान दूरिहा ले चिल्ला के जोहार करिस अउ रुके बर कहिस। महू अचकचा गेंव का होगे कइके? भागत-दौड़त तिर म घुरउ आइस त मार वोकर सांस ह धोकनी कस चलत रहिस। थोरक सांस लेके घुुरउ ह कहिस- नवा- नवा तिहार के सब कोती किल्ली परत हे, ऐहा काय भइया? हमन बाप पुरखा म सावन ले जेन तिहारमन के अवई ह सुरू होथे उहीमन ल जानत हवन। ए का नवा तिहार आए हवे? तेहा लिखत-पढ़त रहिथस तोला पता हो ही त हमू बता भइया।
घुरउ के नवा-नवा बात ल जाने के उतसुकता ल देख के बजार के एकठन दुकान के परछी म रखे बेंच म महू ह बइठ गेंव। घुरउ ल घलो बइठारें अउ वोला बताएं के जेन ल तेहा नवा तिहार कहत हस वोहा मोबाइल तिहार हे गा! घुरउ तपाक ले कहिस -हर पांच बछर म आथे वोइसने नवा तिहार आए का भइया? घुरउ के बात के कोनो जवाब दे पातेंव, वोकर पहिली वोहा कहिथे – अब महू ल समझ म आवत हवे भइया। जेन कोती देख, ए तिहार मनवाय बर बड़का -बड़का मनखेमन आवत-जावत हवे। कहुं भुलवारे बर किसम-किसम के बात करत हें अउ सामान देवत हावंय। हरेली के पहिली ले मोबाइल तिहार के ढंका बजावत हें। हमरो पारा म फारम भरवा के लेगे हावंय। अब पता नइये हमन ल कब मिलही!
मेहा कहेंव- मिल जही किसान, काबर चिंता करत हस। घुरउ ह मोर बात ल सुन के कहिथे- भइया, मोर समझ म एकठन बात ह नइ आवत हे। मेहा वोकर मुंह कोती देखे लगेंव के वोहा का कहत हे। घुरउ कहे लगिस -ए मोबाइल ले हमन हमर खेत म पानी पहुंचा सकत हन का? बीज, खातू घलो मोबाइल ह देही का? अब मेहा का कहितेंव। मोर कन घुरउ के सवाल के जवाब नइ रहिस।
मेहा वोला टरकाय बर कहें – अइसे बात नइये घुरउ। मोबाइल मिले के बाद तहू ह देस- दुनिया ले जुर जाबे गा। तोर बिकास हो ही। तहू ह स्मार्ट किसान कहाबे घुरउ। बटर-बटर मोर मुंह ल देखत घुरउ ह एकठन अउ नवा सवाल पूछ डारिस। मोर एक एकड़ धान बोए के खरचा के बरोबर पइसा सरकार ह नइ दे पावत हे त घाटा के खेती- किसानी म मोर बिकास कइसे हो ही? का ए मोबाइल ले मोर खेती-किसानी के घाटा ह पूरा हो जही?
अब महू चुप परगेंव। मोर समझ म नइ आइस के घुरउ ल का जवाब दंव। तभो वोकरमन राखे बर कहेंव- अइसे काबर कहत हस किसान। हमर परदेस के घलो नांव होही गा। घुरउ ह मोर बात ल सुन के थोरक बेर चुप रहिस, फेर बोलिस – का कहत हस भइया। ए हमन ल भुलवारे तिहार हवे गा। मोर बात ह गलत हवे त बता भइया?
मेहा घुरउ ल कछु कहिथें ऐकर पहिली उही ह राम-राम कहत मोला अकेला छोड़ के अपन खेत ल देखे बर रेंग दिस। मेहा घुरउ ल जावत देखत वोकर बात ल गुनत दस मिनट उही मेर बइठे रहेंव। घुरउ के बात के मोरो मेर कोनो जवाब नइये।

Home / Raipur / भुलवारे के आ गे तिहार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो