पिछले बार कांग्रेस ने जहां 14 महिला प्रत्याशियों पर भरोसा जताया था, वहीं इस बार आंकड़ा 13 में आकर सिमट गया है। भाजपा ने पिछले चुनाव में 11 महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। जबकि इस बार 14 को टिकट दिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों ही राजनीतिक दल ने अपने-अपने प्रदेश अध्यक्ष को चुनाव मैदान में तो उतार दिया है, लेकिन दोनों ही दल की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षों को टिकट से दूर रखा गया है।