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रायपुर

अयोध्या में भूमिपूजन के बाद छत्तीसगढ़ में तेज हुई राम वन गमन पथ की तैयारी

– छत्तीसगढ़ सरकार श्रीराम के ननिहाल में बनाने जा रही माता कौशल्या का मंदिर।- फलों और फूलों से गुलजार होगा राम वन गमन पथ,जैव विविधता की दिखेगी झलक। – डेढ़ लाख से ज्यादा पौधे लगाने की तैयारी, पर्यटन-तीर्थों में होंगी सुंदर वाटिकाएं ।

रायपुरAug 07, 2020 / 09:47 pm

CG Desk

राम वन गमन पथ

राम वन गमन पथ

रायपुर. राज्य सरकार ने राम वन गमन पथ को लेकर राज्य सरकार की तैयारी तेज हो गई है। भगवान राम के एक पडा़व से दूसरे पडा़व तक ले जाने वाले मार्ग के दोनों किनारों पर नाना प्रकार के फूलों और फलों के वृक्ष रोपित किए जा रहे हैं। इस मार्ग पर पर्यटकों को अनेक तरह की वनौषधियों के भी दर्शन होंगे। इसके साथ ही जैव विविधता की झलक भी पर्यटकों को देखने को मिलेगी।
राम के वनवास काल से संबंधित 75 स्थानों को चिन्हित कर उन्हें नये पर्यटन सर्किट के रुप में आपस में जोडा़ जा रहा है। पहले चरण में उत्तर छत्तीसगढ़ में स्थित कोरिया जिले से लेकर दक्षिण के सुकमा जिले तक 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। ये सभी स्थान पहले ही प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर हैं। अब इन्हें और भी हराभरा किया जाएगा। सभी चयनित पर्यटन-तीर्थों पर सुगंधित फूलों वाली सुंदर वाटिकाएं तैयार की जाएंगी।

वन विभाग को दी पौधरोपण की जिम्मेदारी
राम वन गमन के 528 किलोमीटर मार्ग के दोनों किनारों पर डेढ़ लाख से अधिक पौधे रोपित करने की जिम्मेदारी वन विभाग को दी गई है। मूल परियोजना पर काम शुरु होने से पहले ही विभाग ने अपना 90 प्रतिशत काम पूरा भी कर लिया है। पूरे मार्ग पर पीपल, बरगद, आम, हर्रा, बेहड़ा, जामुन, अर्जुन, खम्हार, आंवला, शिशु, करंज, नीम आदि के पौधों का रोपण किया जा रहा है।

अभयारण्यों को परिपथ के करीब लाने की तैयारी
कोरिया स्थित गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान, सूरजपुर स्थित तमोर पिंगला अभयारण्य, बलरामपुर के सेमरसोत अभयारण्य, जशपुर के बादलखोल अभयारण्य, रायगढ़ के गोमर्डा अभयारण्य, मुंगेली के अचानकमार अभयारण्य, कवर्धा के भोरमदेव अभयारण्य, बलौदाबाजार स्थित बारनवापारा अभयारण्य, धमतरी स्थित सीतानदी अभयारण्य, गरियाबंद के उदंती अभयारण्य, बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, बीजापुर के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, पामेड़ और भैरमगढ़ अभयारण्यों को भी राम वन गमन परिपथ के करीब लाया जाएगा। इनमें से उदंती तथा सीतानदी अभयारण्यों को 2009 से टाइगर रिजर्व घोषित किया जा चुका है।

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