गौरतलब है कि इस घोटाले में राजधानी के भाठागांव स्थित मकान से 25 जनवरी को दबिश देकर पारितोष कुमार सिंह और रविकुमार तिवारी को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान तलाशी में टैक्स चोरी करने और रैकेट में शामिल कुछ अन्य लोगों का नाम मिले थे। इसके आधार पर टीम को सिवान भेजा गया था। जांच में कुछ अन्य संदिग्ध लोगों के नाम भी सामने आए है। बता दें कि 1000 करोड़ के आईटीसी घोटाले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के ठिकानों से 258 करोड़ रुपए के टैक्स चोरी करने के दस्तावेज मिले थे।
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जीएसटी घोटाले में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलगांना, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार के करीब 50 कारोबारियों के नाम सामने आए है। बताया जाता है कि वह टैक्स का लाभ लेने के लिए कमीशन पर आरोपियों से दस्तावेजों की खरीदी करते थे। इसके एवज में वह 3 से 10 फीसदी तक भुगतान करते थे। वहीं बिना लेनदेन किए उन्हें टैक्स का लाभ मिल रहा था।
बताया जाता है कि जांच के दौरान मिले सुराग का परीक्षण करने के लिए संबंधित राज्यों के जीएसटी यूनिट को जानकारी भेजी गई है। प्राथमिक जांच में आरोपियों द्वारा कागजों में 30 कंपनियों का गठन करने के दस्तावेज मिले है। इसकी संख्या बढऩे की संभावना जताई जा रही है।
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जीएसटी इंटेलिजेंस के अतिरिक्त निदेशक महेन्द्र शर्मा और अतिरिक्त महानिदेशक अजय पांडेय ने बताया कि अब तक 4 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके है। जांच के दौरान बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले है।