फिट फॉर्मूला
पहला- सक्रिय मरीजों की संख्या दूसरा- सैंपल की हो रही टेस्टिंग तीसरा- निश्चित समय में मरीजों की संख्या दोगुनी होनाअनफिट फॉर्मूले
चौथा- मृत्यु (प्रदेश में अब तक कोई जान नहीं गई।)फाइव क्राइटेरिया फार्मूला जिसके आधार पर तय हुए जोन
रायपुर समेत कई जिले ऐसे हैं, जिनमें मरीज मिले हैं, मगर उनके कोई ब्लॉक को रेड जोन में नहीं रखा गया। सड्डू धरसींवा ब्लॉक में आता है, जहां गुरुवार इस पर पड़ताल में सामने आया कि केंद्र सरकार ने जोन निर्धारित करने के लिए फाइव क्राइटेरिया फार्मूला दिया था। छत्तीसगढ़ में तीन फार्मूले ही फिट बैठे।
केंद्र और राज्यों की गाइडलाइन में मुख्य अंतर रेड जोन
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक जिस भी जिले में एक भी पॉजिटिव मरीज मिलता है, उसे 14 दिनों के लिए रेड जोन में शामिल किया जाता है। मगर राज्य ने तय किया है कि ब्लॉक रेड जोन में आएंगे। इससे जनजीवन प्रभावित नहीं होगा। लोगों में भय भी नहीं होगा।
ऑरेंज जोन
संक्रमित मरीज मिलने के 14 दिन के अंदर अगर कोई नया मरीज नहीं मिलता है तो जिला ऑरेंज जोन में होगा। मगर राज्य में ऐसे जनसंख्या घनत्व के आधार पर आने वाले सैंपलों के आधार पर तय किया जा रहा है। बस्तर संभाग के कई ब्लॉक में संक्रमित मरीज नहीं मिले, मगर उन्हें ऑरेंज जोन में रखा गया है।
छत्तीसगढ़ की स्थिति
रेड जोन- बालोद- डौंडीलोहारा। बिलासपुर- तखतपुर और मस्तूरी। कोरबा- कोरबा।
ऑरेंज जोन- बालोद- बालोद, डोंडी। जांजगीर- बलौदा, बम्हनीडीह, डभरा, जैजैपुर, मालखरौदा, नवागढ़, सक्ती। बलौदाबाजार- भाटापारा, बिलाईगढ़, सिमगा, पलारी, कसडोल। बस्तर- किलेपाल, नानगुर, बकावंड। बेमेतरा- नवागढ़। बीजापुर- भैरमगढ़। दंतेवाड़ा- गीदम। धमतरी- गुरजा, कुरुद, मगरलोड, नगरी, धमतरी और शहरी। दुर्ग- पाटन, निकुम। मुंगेली- लोरमी, मुंगली। रायगढ़- लैलूंगा, धरमजगढ़। राजनांदगांव- मोहला, घुमका, छुरिया, डोंगरगढ़। सरगुजा- मैनपाट, अंबिकापुर, बतौली, लखनपुर, लुंड्रा, उदयपुर, सीतापुर। कांकेर- दुर्गकोंदल, कांकेर, भानुप्रतापपुर।