सुब्रत रॉय पिछले दो दिनों से रायपुर में भुवनेश्वर जोन की बैठक के लिए राजधानी आए हुए थे। पहले दिन जहां उन्होंने मैनेजर स्तर के अधिकारियों को संबोधित किया, वहीं दूसरे दिन राजधानी में छत्तीसगढ़ और ओडिशा के एजेंट्स की बैठक ली। सुब्रत रॉय ने कहा कि निवेशकों का सत्यापन किए बगैर कोई भी नतीजा निकालना भ्रम फैलाने जैसा है, साथ ही यह चुनौती भी दी कि एक भी खाता फर्जी नहीं है।
सहारा ग्रुप ने कहा, उन्होंने ओएफसीडी निवेशकों को 95 प्रतिशत रकम की अदायगी पहले ही दी है। इसके बावजूद भी सहारा ने सहारा-सेबी अकाउंट में 19 हजार करोड़ रुपए जमा कराए हैं। सहारा ने इस रकम अदायगी के सभी कागज़ी प्रमाण जैसे कि मूल वाउचर्स, बॉन्ड सर्टिफि़ केट्स व अन्य परिपक्वता के कागज़ात व रसीदें आदि उपलब्ध करा दिए हैं।
सुब्रत रॉय ने कहा कि वे आयकर विभाग को 725.97 करोड़ की टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) की राशि अदा कर चुके हैं, जो उन 95 प्रतिशत निवेशकों को मिलने वाले ब्याज पर देय था, जिसे हमने वर्ष 2009-10 तथा 2012-13 के बीच उनके निवेश की धनराशि के साथ ही चुकता कर दिया था।
सुब्रत रॉय ने कहा कि कुछ समय के लिए कंपनी लिक्विडिटी की समस्या से जूझ रही है। यह समस्या उस रोक की वजह से हुई है, जिसमें यदि अपनी कोई सम्पत्ति बेच कर या इसे मार्टगेज रखकर धन एकत्रित करते हैं तो यह सारी रकम सहारा-सेबी के खाते में ही जमा करानी होगी।
सहारा इंडिया परिवार ने कहा कि न्यायालय के निर्देशों का हमेशा से पालन किया गया है,वहीं यह आगे भी जारी रहेगा। कैश फ्लो की यह समस्या अस्थाई एवं कुछ समय के लिए ही है।