महिला आयोग ने शासकीय सेवक के खिलाफ की विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा
रायपुर•Sep 21, 2021 / 11:14 pm•
Anupam Rajvaidya
सामाजिक तलाक किसी भी परिस्थिति में मान्य नहीं
विनोद कुमार शुक्ल को साहित्य अकादमी की प्रतिष्ठित महत्तर सदस्यता
प्रकरण में आवेदिका ने पति के खिलाफ छत्तीसगढ़ महिला आयोग में शिकायत की थी कि शासकीय सेवा पुस्तिका में पत्नी के स्थान पर आवेदिका का नाम दर्ज होने के बाद भी पति भरण पोषण नहीं दे रहा है। आवेदिका के पति ने महिला आयोग के समक्ष पत्नी को एकमुश्त राशि 21 हज़ार रुपए देने का आवेदन प्रस्तुत किया। इसे महिला आयोग ने त्रुटिपूर्ण मानते हुए कहा कि अनावेदक शासकीय सेवा में है और आवेदिका को भरण-पोषण राशि देने से बचने की कोशिश करता प्रतीत हो रहा है। सामाजिक तलाक सिविल सेवा आचरण संहिता के खिलाफ है।
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महिला आयोग की सुनवाई में सदस्य अनीता रावटे, शशिकांता राठौर और अर्चना उपाध्याय शामिल हुईं। सुनवाई में 20 प्रकरण रखे गए थे। इनमें 8 प्रकरण नस्तीबद्ध किए जाने का निर्णय लिया गया।
ये भी पढ़ें…[typography_font:14pt;” >रायपुर. महिला आयोग ने सुनवाई के दौरान कहा कि सामाजिक तलाक किसी भी परिस्थिति में मान्य नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने एक प्रकरण की सुनवाई के दौरान में कहा कि आवेदिका पति के नियोक्ता पंचायत विभाग को लिखित में आवेदन कर मासिक वेतन से भरण-पोषण प्राप्त कर सकती है। आयोग ने इस प्रकरण में विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है।
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