छत्तीसगढ़ में मलेरियामुक्त बस्तर अभियान शुरू
घरों के साथ ही स्कूलों, आश्रम-छात्रावासों, पैरा-मिलेट्री कैम्पों में भी मलेरिया की सघन जांच और त्वरित उपचार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा बस्तर को मलेरिया से मुक्त करने का संकल्प
रायपुर•Jan 15, 2020 / 07:53 pm•
Anupam Rajvaidya
नक्सल प्रभावित बस्तर में शुरू हुआ अब तक सबसे बड़ा अभियान, 1720 टीमें तैनात, घर-घर में सघन जांच
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ट्वीट
14 लाख लोगों की खून की जांच
नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में एक माह तक चलने वाले इस महत्वाकांक्षी मलेरियामुक्त अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की 1720 टीमें तैनात की गई हैं। यह टीम पौने तीन लाख से अधिक घरों में पहुंचेगी और करीब 14 लाख लोगों के खून की जांच कर मलेरिया पाए जाने पर त्वरित इलाज उपलब्ध कराएगी। तत्काल इलाज शुरू करने के बाद मरीजों का फॉलो-अप भी किया जाएगा। तीन चरणों में संचालित किए जाने वाले इस अभियान का यह पहला चरण है।
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मानसून के पहले शुरू होगा दूसरा चरण
बस्तर को मलेरिया मुक्त करने इस अभियान का दूसरा चरण इस साल मानसून के पहले मई-जून और तीसरा चरण मानसून के बाद साल के अंत में दिसम्बर-जनवरी में संचालित किया जाएगा। बता दें कि बस्तर में मलेरिया के 64 प्रतिशत मामले अभियान में शामिल 26 विकासखंडों से ही आते हैं। इन इलाकों में मलेरिया के नियंत्रण से पूरे बस्तर को मलेरियामुक्त किया जा सकेगा।
[typography_font:14pt;” >रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर को मलेरिया, एनीमिया और कुपोषण से मुक्त करने मकर संक्रांति पर 15 जनवरी से संभाग के सातों जिलों में मलेरियामुक्त बस्तर अभियान शुरू हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घरों के साथ ही स्कूलों, आश्रम-छात्रावासों और पैरा-मिलेट्री कैम्पों में जाकर मलेरिया की जांच की। मलेरियामुक्त बस्तर अभियान बस्तर अंचल को मलेरिया से मुक्त करने का अब तक का सबसे बड़ा अभियान है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि बस्तर को मलेरिया से मुक्त करने के संकल्प के साथ यह अभियान शुरू किया गया है।
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