रमन भी बोले-कुछ कहता हूं तो बुरा मान जाते हैं
इधर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा हम मजदूरों की वापसी को लेकर बनी कार्ययोजना की जानकारी हमेशा मांगते रहे हैं, लेकिन इसे सरकार ने कभी सार्वजनिक नहीं किया। जब मैं कुछ कहता हूं, तो वे बुरा मान जाते हैं और सलाहकार जवाब देते हैं। मुख्यमंत्री ने कभी भी ट्रेनों को लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
केंद्र को बताया जिम्मेदार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, नियोजित लॉकडाउन की वजह से ही श्रमिक मुसीबत में फंसे। फिर उनसे टिकट के पैसे भी मांगे गए। सोनिया गांधी के निर्देश पर हम मज़दूरों का किराया चुका रहे हैं। मजदूर जो कष्ट और पीड़ा झेल रहे हैं उसके लिए उत्तरदायी राज्य नहीं हैं। राज्यों पर दोष मढऩा ठीक नहीं।
सरकार ने ही बताया है 29 ट्रेनें मंजूर
मुख्यमंत्री के 30 ट्रेन मांगने पर केवल 14 ट्रेन की मंजूरी वाले बयान ने राज्य सरकार की सूचनाओं में ही गफलत पैदा कर दी है। सरकार ने 9 मई को 4 ट्रेनों की मंजूरी मिलने की पहली सूचना दी थी। उसके बाद 10 मई को 10 ट्रेन, 12 मई को 21 ट्रेन और 14 मई को 29 ट्रेन मंजूर होने की जानकारी जनसंपर्क विभाग की ओर से आधिकारिक तौर पर दी गई है।