इसकी वजह से प्रस्तावित नामों में फेरबदल हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पाटन की सभा में कहा, संवैधानिक बाध्यता से नामों का खुलासा नहीं कर सकते, लेकिन मंच पर मौजूद एक मंत्री को आप बधाई दे सकते हैं। मंच पर विधायक रविंद्र चौबे और देवेंद्र यादव मौजूद थे। देवेंंद्र यादव पहली बार विधायक बने हैं, ऐसे में उनका दावा पहले ही खारिज है। भूपेश बघेल का इशारा रविंद्र चौबे की ओर ही था। बताया जा रहा है कि इस समीकरण के बाद पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा का पत्ता कटता दिख रहा है।
देर रात तक सबसे वरिष्ठ विधायक रामपुकार सिंह को लेकर भी स्थिति लगभग साफ हो गई। रामपुकार सिंह को प्रोटेम स्पीकर बनाया जा रहा है, मंत्री नहीं। राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के पुत्र अरुण वोरा का भी नाम सामने नहीं आ रहा है। हालांकि अभी नामों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। सोमवार शाम रायपुर पहुंचे प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा, मंत्रियों को राजभवन से निमंत्रण जाता है। उसके पहले उनके नामों का खुलासा नहीं हो सकता।
हम उसी परंपरा का पालन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री बनने वाले नेताओं को देर रात इसकी जानकारी दी गई है। उसकी सार्वजनिक घोषणा समारोह स्थल पर ही होगी।
गृह आदिवासी को, वित्त पर फंसा पेंच
बताया जा रहा है कि मंगलवार की देर रात तक मंत्रियों के बीच विभागों की बंटवारा भी कर दिया जाएगा। तय हुआ है कि गृह विभाग का जिम्मा आदिवासी समाज के मंत्री को दिया जाएगा। वहीं वित्त विभाग पर टीएस सिंहदेव की दावेदारी से नया पेंच पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसे खुद के अपने पास रखना चाहते हैं।