छत्तीसगढ़ में आजादी की लड़ाई की कमान सबसे पहले आदिवासी समाज के शूरवीरों गैंदसिंह, गुण्डाधूर, वीर नारायण सिंह ने संभाली थी और शहादत देकर छत्तीसगढ़ को देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने की परम्परा से जोड दिया था, जिसका निर्वाह निरन्तर होता रहा है।
आज मैं एक बार फिर छत्तीसगढ़ राज्य की सौगात देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी और एक भारत-श्रेष्ठ भारत एवं नए भारत का लक्ष्य देने वाले प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। हमारे संविधान की सबसे बड़ी विशेषता, भारत संघ में समस्त राज्यों की सक्रिय, जवाबदेह और सार्थक भागीदारी सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री ने जीएसटी, नई खनिज नीति लागू की और राज्यों के वित्तीय संसाधनों में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी करके संविधान की मंशा सहकारी संघवाद का सम्मान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गणतंत्र की महत्ता को संविधान की किताबों में खोजना नहीं पड़ता, बल्कि यह नागरिक सशक्तीकरण के माध्यम से जन-जीवन में दिखाई दे रही है। उपजाऊ खेत और अमूल्य वन संपदा छत्तीसबढ़ की एक विशिष्ट पहचान है, लेकिन छत्तीसगगढ़वासी कृषि-उपजों और वन-उपजों से अपने जीवन में खुशहाली की बरसों से बाट जोह रहे थे। हमने किसान भाई-बहनों और वनवासी परिवारों की आमदनी बढ़ाने के सतत प्रयास किए। कृषि लागत कम करने के लिए हमने बिना ब्याज कृषि ऋण उपलब्ध कराया है। च्वॉइस हेल्थ कार्ड के वितरण तथा मिट्टी नमूना परीक्षण में भी छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य बना है, जिसकी सराहना भारत सरकार द्वारा की गई है।
सीएम ने कहा कि किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम दिलाने के लिए प्रदेश की 14 मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम से जोड़ा जा चुका है। ताजे फल तथा सब्जियों के लिए धमतरी में किसान उपभोक्ता बाजार का प्रयोग सफल रहा है, जिसके आधार पर 6 अन्य स्थानों पर ऐसे बाजार विकसित किए जा रहे हैं, जिससे उपज, क्रेता तथा विक्रेता के बीच से बिचौलियों को हटाया जा सके।