पिछले कुछ महीनों में बिजली संयंत्रों को प्रतिदिन औसत घरेलू कोयले की आपूर्ति में वृद्धि हुई है। दिसंबर 2021, जनवरी 2022 और फरवरी 2022 में सीआईएल, एससीसीएल और कैप्टिव कोयला ब्लॉकों से अन्तकालीन आधार पर दैनिक घरेलू कोयले की आपूर्ति करीब 2.05 टन, 2.02 टन और 2.14 टन प्रति दिन थी। इसके अलावा, सीआईएल द्वारा कोयले की आपूर्ति का एक हिस्सा, जो कि वित्त वर्ष 2020 में कोयले की कुल खपत का लगभग 60.8 प्रतिशत था, वित्त वर्ष 2021 में बढ़कर 63.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022 (अप्रैल-जनवरी) में बढ़कर 64.3 प्रतिशत हो गया। यानी आयात कम होने का पूरा दबाव घरेलू क्षेत्र पर बढ़ता नजर आ रहा है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की 10 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय कोयले की कीमतें पहले से ही उच्च स्तर पर थीं और मौजूदा यूक्रेन संकट ने इसे और बढ़ा दिया, क्योंकि रूस कोयले का एक प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता है। ऑस्ट्रेलियाई कोयले की मौजूदा कीमत 170 डॉलर प्रति टन है, वहीं यूरोप में न्यूकैसल कोयले के दाम मार्च 2022 में 440 डॉलर प्रति टन को पार कर गए।
आईसीबी पावर प्लांट्स द्वारा कम उत्पादन और भारी बारिश के कारण कोयले की आपूर्ति में भी बढ़ी रुकावट देखने को मिली है। इसी कारण बिजली की बढ़ती मांग ने बिजली संयंत्रों की हालत खराब कर दी। स्टॉक 8 अक्टूबर, 2021 को 7.2 एमटी के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया था। भारत के कई हिस्सों में अक्टूबर और नवंबर में बिजली कटौती की सूचना मिली, जिसके बाद सरकार ने बिजली संयंत्रों को आपूर्ति के मामले को प्राथमिकता दी है। यही कारण है कि घरेलू कोयले पर आधारित संयंत्रों के लिए स्टॉक 15 मार्च को 24.85 एमटी तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 22 (अप्रैल-फरवरी) के लिए, बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति 626.3 एमटी थी, जबकि खपत 631.5 एमटी थी। 16 मार्च तक, बिजली संयंत्रों में उपलब्ध कोयले का स्टॉक लगभग 26.3 एमटी था जो उनकी आवश्यकता का लगभग 39 प्रतिशत है। एक हफ्ते बाद, 24 मार्च को, स्टॉक और कम हो गया जो मानक स्टॉक की आवश्यकता का लगभग 38 प्रतिशत था।
सनिष चन्द्र
जनसम्पर्क अधिकारी
एसईसीएल, बिलासपुर