राजिम कुंभ और नरवा-गरवा…
आर्टिस्ट श्याम ने बताया कि सिरपुर स्थित बुद्ध की मूर्ति, दंतेवाड़ा जिला बारसुर के गणेशजी, मुर्गा फाइटिंग, तोड़ी बजाते कलाकार, आदिवासी ड्रेस पहनी युवती, बस्तर का दशहरा, घोटुल का सीन, मारिया डांस, राजिम कुंभ नरवा, गरवा- घुरवा बाड़ी, लोक खेल फुगड़ी, मटका फोड़ समेत कई रोचक विधाआें को म्यूरल आर्ट से दिखाया जाएगा।
वॉल क्रिएटिविटी का ट्रेंड
इन दिनों वॉल क्रिएटिविटी का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। कहीं पेंटिंग तो कहीं थ्रीडी में डिजाइनिंग की जा रही हैं। कई दीवारें तो एेसी हैं जो देश के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रही हैं। एनआईटी की दीवार में महान स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य का जिक्र किया गया है। इसी तरह विभिन्न दीवारों को पेंटिंग या म्यूरल आर्ट से शब्द दे दिए गए हैं।
ये है मकसद
संस्कृति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राहुल सिंह कहते हैं कि दीवारें आज से नहीं बल्कि सदियों से प्रचार का माध्यम रही हैं। चूंकि अब कलाकार दीवार पर भी म्यूरल आर्ट करने लगे हैं। एेसे में छत्तीसगढ़ के उन इलाकों की दुनिया को हम शहर के लोगों को दिखाना चाहते थे जो अनोखी है। आदिवासियों के रहन-सहन, पूजा-पाठ और त्योहारों में उनका नृत्य देखने लायक होता है।