लेकिन, अंतिम तिथि तक केवल 70 फीसदी कॉलेजों ने ही जानकारी दी है। जबकि, 30 फीसदी कॉलेजों ने जानकारी देने में रूचि नहीं दिखाई है। रविवि के नोडल अधिकारी ने कॉलेजों को जानकारी अपडेट करने की बात कही, तो बहाना बनाकर लॉकडाउन खत्म होने के बाद जानकारी देने की बात कह रहे हैं। एआईएचएचई के पोर्टल पर सभी कॉलेजों की आईडी बनाई गई है। इसके माध्यम से कॉलेजों को शिक्षक, विभाग, छात्र और कैंटीन समेत कैंपस की अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी देनी है।
ये जानकारी मांगी केंद्रीय मंत्रालय ने
कॉलेजों को संकाय, योग्यताधारी प्राध्यापक, खेल मैदान, लैब-लाइब्रेरी समेत सभी सुविधाओं की जानकारी पोर्टल में अपलोड करनी थीं। 28 फरवरी तक रविवि के अधिकांश कॉलेज ने डाटा अपलोड नहीं किया गया। इसके बाद १५ मार्च और फिर 30 मार्च तक समय दिया गया। उसमें भी नाकाम रहे। अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद जानकारी अपलोड करने की बात कॉलेज प्रबंधन कह रहा है।
आंकड़ो के आधार पर बनती है योजना
एचआरडी मंत्रालय विवि से मिली जानकारी के आधार पर वे छात्रहित की योजनाएं बनाती है। कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है।
एमएचआरडी हर वर्ष यह जानकारियां मांगता है। 30 मार्च तक मांगी जानकारियों को अपलोड करना था। लेकिन, कुछ कॉलेजों ने जानकारियां अब तक वेबसाइट में अपलोड नहीं की है। लॉकडाउन के बाद उनके द्वारा जानकारियां अपलोड करने की बात कही गई है।
-प्रो. व्यास दुबे, नोडल प्रभारी
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय